Congress Defeat Review Meeting
रायपुर। लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को मिली करारी हार के बाद अब संगठन में बड़े बदलाव होने को लेकर चर्चा जोरों पर चल रही है। कांग्रेस के नेता हार की समीक्षा की मांग उठाने लगे हैं। चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य मामलों में पहले भी नाराजगी सामने आई थी। हार के बाद अब वरिष्ठ नेताओं ने कई लोकसभा में बाहर से प्रत्याशी उतारे जाने और स्थानीय लोगों को दरकिनार करने का मुद्दा बनाया है।
तो वही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल की सुगबुहाट शुरू हो गई है। प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस हाईकमान को चुनाव के समय कांग्रेस पदाधिकारियों ने पत्र लिखकर संगठन में अनियमितता सहित कई मामलों से अवगत कराया था। 8 जून को दिल्ली में CWC की बैठक के बाद अब PCC जल्द ही प्रदेश में भी समीक्षा बैठक करने वाली है। चर्चा है कि 15 दिन के भीतर हार पर मंथन के साथ ही सभी स्तरों की भी समीक्षा होगी।
Congress Defeat Review Meeting
तो वही लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ता काम करने को तैयार नहीं थे। चुनाव प्रचार के दौरान दूसरे जिलों के कार्यकर्ताओं को ले जाकर चुनाव प्रचार किया गया। सूत्रों के मुताबिक कई जगहों पर स्थानीय लोगों ने वहां पर पार्टी के विरुद्ध कार्य किया जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। तो वही चुनाव के दौरान कई क्षेत्रों में स्थानीय विधायकों, पदाधिकारियों और संगठन के बीच तालमेल भी नहीं बैठा। जिसके कारण कई पदाधिकारी घर बैठे रहे, चुनाव में पार्टी को उनका कोई योगदान नहीं मिला। बैठक में इसे लेकर भी चर्चा का दबाव है।
सूत्रों की मुताबिक कांग्रेस पार्टी में आने वाले दिनों में कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। तो वही लोकसभा चुनाव के हार की समीक्षा के दौरान सभी प्रत्याशियों की रिपोर्ट भी अहम होगी। कई क्षेत्रों के प्रत्याशी अपने हिसाब से चुनाव प्रबंधन करते रहे। जिसके कारण स्थानीय संगठन प्रत्याशी के अनुरूप काम करता रहा, परिणामस्वरूप पार्टी को इसका भी नुकसान उठाना पड़ा।
Congress Defeat Review Meeting
चर्चा है कि जिन राज्यों में उम्मीद से ज्यादा खराब प्रदर्शन हुआ वहां जरूर जवाबदेही तय होगी। इनमें छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है। हालांकि किन बड़े नेताओं पर गाज गिर सकती है ये अभी चर्चा का विषय बना हुआ है। कार्यकर्ताओं और निचले स्तर के पदाधिकारियों की नाराजगी सामने आती रही है। चुनाव के दौरान पदाधिकारियों के बीच तालमेल का भी अभाव बना रहा।
तो वही विधानसभा चुनाव के दौरान कई विधायकों की टिकट कटने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और प्रभारी सचिव पर खुलकर आरोप लगाए गए। इस आरोपों के चलते कई लोगों को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था । जिसके बाद इन सभी ने पार्टी से किनारा कर लिया। हालांकि, कुछ लोगों ने अपने आरोप वापस लेते हुए माफी मांगकर लोकसभा चुनाव के समय अपने निष्कासन को वापस करा लिया था।
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