Congress AICC Session 2025
अहमदाबाद। कांग्रेस पार्टी आज से गुजरात के अहमदाबाद में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन कर रही है। 64 वर्षों बाद गुजरात में हो रहे इस अधिवेशन को पार्टी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इसका मकसद न सिर्फ संगठन सृजन को गति देना है, बल्कि आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए नेतृत्व, जवाबदेही और रणनीति को भी धार देना है।
गौरतलब है कि इस साल महात्मा गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसके अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती भी है। दोनों ही महान विभूतियां गुजरात में पैदा हुई थीं, इसलिए कांग्रेस पार्टी ये अधिवेशन गुजरात में कर रही है।
पार्टी इतिहास में छठा अधिवेशन गुजरात में
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि पार्टी के 140 वर्षों के इतिहास में गुजरात में यह छठा अधिवेशन है। इससे पहले आखिरी बार 1961 में गुजरात के भावनगर में नीलम संजीव रेड्डी की अध्यक्षता में अधिवेशन हुआ था।
Congress AICC Session 2025
इस बार का अधिवेशन दो हिस्सों में बंटा है
- 8 अप्रैल – विस्तारित कार्यसमिति की बैठक (सरदार पटेल मेमोरियल, अहमदाबाद)
- 9 अप्रैल – अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक (साबरमती आश्रम और कोचरब आश्रम के बीच, साबरमती किनारे)
संगठन सृजन और जवाबदेही होगी प्राथमिकता
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अधिवेशन में जिला कांग्रेस कमेटियों (DCC) को अधिक अधिकार देने, संगठनात्मक स्तर पर पुनर्गठन, और चुनावी तैयारियों में तेजी लाने जैसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। साथ ही, पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने की दिशा में भी कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी
अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, कार्यसमिति सदस्य और AICC प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। विस्तारित कार्यसमिति में कुल 169 सदस्य हैं, जिनके बीच प्रस्तावों पर चर्चा और सहमति बनाई जा रही है।
Congress AICC Session 2025
छत्तीसगढ़ से 55 प्रतिनिधि, विवादों के साए में भी आमंत्रण
वहीं छत्तीसगढ़ से कुल 55 एआईसीसी सदस्य अधिवेशन में भाग ले रहे हैं। हालांकि, इस बार विवाद भी साथ-साथ चल रहे हैं। कवासी लखमा, जो इस समय ईओडब्ल्यू की रिमांड पर हैं, उन्हें भी आमंत्रित किया गया है। वहीं, पार्टी के कोषाध्यक्ष, जिन्हें ईडी ने फरार घोषित किया है, उनका नाम भी आमंत्रण सूची में है। इसके बावजूद भूपेश बघेल, टी.एस. बाबा, चरणदास महंत, मोहम्मद अकबर और दीपक बैज सहित कई बड़े नेता अहमदाबाद पहुंच चुके हैं।
क्या कांग्रेस बदलेगी दिशा?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह अधिवेशन कांग्रेस के लिए एक ‘पुनर्जन्म’ जैसा मौका है। गुजरात जैसी राज्य इकाई जहां पार्टी लंबे समय से कमजोर रही है, वहां से संगठनात्मक सुधारों की शुरुआत करना, एक रणनीतिक संदेश हो सकता है। अब देखना ये होगा कि इस अधिवेशन से पार्टी केवल प्रस्ताव पारित कर आगे बढ़ती है, या वास्तव में ज़मीन पर बदलाव लाने की दिशा में ठोस कदम उठाती है।