Cloud Burst in Himachal
किन्नौर। देश के कई हिस्सों में हो रही लगातार भारी बारिश के बीच हिमाचल प्रदेश के किनौर में बादल फटने से तबाही मच गई है। भूमि पर मलबे के कारण फसलें तबाह हो गई है। तो उधर, उत्तराखंड के जोशीमठ में हेमकुंड साहिब मार्ग पर भूस्खलन से भारी चट्टाने सड़कों पर आ गिरी, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं, गुजरात के कई इलाकों में अब भी बारिश का पानी भरा होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है।
मौसम विभाग ने हिमाचल में 3 अगस्त तक पूरे प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी करने के साथ ही साथ देश के 22 राज्यों में सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी दी है। किन्नौर में बादल फटने के बाद आए मलबे से सबसे अधिक नुकसान सेब बागवानों को हुआ। इसके अलावा राजमा, ओगला और फाफरा सहित अन्य नकदी फसलें भी तबाह हो गईं।
पूह के कार्यवाहक एडीएम ने बताया कि नुकसान का जायजा लेने के लिए राजस्व विभाग की टीम भेजी गई है। उधर, बारिश के कारण किन्नौर के ही निगुलसरी ब्लॉक प्वाइंट पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से नेशनल हाईवे-5 सुबह चार घंटे बंद रहा। कुल्लू के आनी उपमंडल में बीती रात भारी बारिश से आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे-305 और कई ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गईं। ब्यास और सरेही नाला में जलस्तर बढ़ने से पांच घरों के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है।
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उधर, शिमला के मैहली में मलबा गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। तो वही उत्तराखंड के जोशीमठ में हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर पुलना में भूस्खलन की चपेट में आकर एक महिला घायल हो गई। वहीं बोल्डर गिरने से एक कार व स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई। भूस्खलन से जिला पंचायत के टिन शेड को भी भारी नुकसान पहुंचा है। गोविंदघाट थानाध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद बिजल्वाण ने बताया, सड़क पर आए बोल्डर और मलबे को हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारू करा दी गई है।
तो वही मौसम विभाग ने गुजरात और पूर्वी राजस्थान में सोमवार को भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान, विदर्भ, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, केरल और तटीय कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है।
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वहीं, मौसम विभाग 30 जुलाई को नगालैड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बेहद बारिश का अनुमान जताया है। वहीं, 31 जुलाई को हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड के कई इलाकों में यही स्थिति रहने का अनुमान लगया है।
वही अब केंद्र सरकार जल्द ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को केंद्रीय सहायता मुहैया कराने के लिए कानून लाने पर विचार कर रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने बाढ़ का सामना कर रहे राज्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि उनके जिन भी इलाकों में बाढ़ आई है, उन्हें बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित कर दिया जाये। हालांकि, इस सिलसिले में कई बार राज्यों को निर्देश भेजे जाने के बावजूद अभी तक सिर्फ चार राज्यों मणिपुर, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर ने ही इस निर्देश का पालन किया है।
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