Children’s Day 2024
रायपुर। 14 नवंबर का दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री और बच्चों के सबसे प्रिय जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। बताया जाता है कि चाचा नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
साल 1889 में 14 नवंबर के दिन ही उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में अनेकों उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें सबसे बड़ी उपलब्धि थी स्वतंत्र भारत का पहला प्रधानमंत्री बनना।
पंडित नेहरू ने देश की स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान दिया था। साथ ही वह महात्मा गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे। 14 नवंबर, 1889 को प्रयागराज में नेहरू का जन्म एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। पंडित नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर प्राइवेट टीचर्स से ली। फिर दुनिया के कुछ बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा ली।
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पंडित नेहरू ने अपनी स्कूली शिक्षा इंग्लैंड में हैरो स्कूल और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (लंदन) से पूरी की थी। पंडित नेहरू ने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। 1912 में जवाहरलाल नेहरू भारत लौटे और वकालत शुरू की। पंडित नेहरू एक महान् राजनीतिज्ञ और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं, ख्यातिलब्ध लेखक भी थे।
उनकी आत्मकथा 1936 ई. में प्रकाशित हुई और संसार के सभी देशों में उसका आदर हुआ। उनकी अन्य रचनाओं में भारत और विश्व, सोवियत रूस, विश्व इतिहास की एक झलक, भारत की एकता और स्वतंत्रता और उसके बाद विशेष उल्लेखनीय हैं। इनमें से अन्तिम दो पुस्तकें उनके फुटकर लेखों और भाषणों के संग्रह हैं।
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स्वतंत्रता में योगदान
जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़े। चाहे असहयोग आंदोलन की बात हो या फिर नमक सत्याग्रह या फिर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की बात हो उन्होंने गांधी जी के हर आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
मलिक ने बताया कि नेहरू की विश्व के बारे में जानकारी से गांधी जी काफ़ी प्रभावित थे और इसीलिए आज़ादी के बाद वह उन्हें प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहते थे। सन् 1920 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया। 1923 में वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव चुने गए।
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राजनीतिक जीवन
साल 1917 में पं. नेहरू होम रूल लीग से जुड़े और देश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई। वहीं साल 1919 में नेहरू पहली बार महात्मा गांधी के संपर्क में आए और यहीं से नेहरू के राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई। महात्मा गांधी के साथ मिलकर पं. नेहरू ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई। बता दें कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर अधिवेशन के तहत 31 दिसंबर 1929 को रावी नदी के तट पर तिरंगे को 12 बजे रात में फहराया था।
वहीं देश की आजादी की खातिर पं. नेहरू कई बार जेल भी गए, लेकिन इसके बाद भी उनका मनोबल कम नहीं हुआ। फिर जब देश आजाद हुआ, तो सर्वसम्मति से उनको देश का पहला प्रधानमंत्री चुना गया। पंडित नेहरू ने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और देश के विकास कार्य में अहम योगदान दिया।
मृत्यु
चीन के साथ संघर्ष के कुछ ही समय बाद नेहरू के स्वास्थ्य खबर रहने लगा। उन्हें 1963 में दिल का हल्का दौरा पड़ा, जनवरी 1964 में उन्हें और दुर्बल बना देने वाला दौरा पड़ा। कुछ ही महीनों के बाद तीसरे दौरे में 27 मई, 1964 में उनकी मृत्यु हो गई।