Chhattisgarh Rape Special Story
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नाबालिगों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, गौरतलब है कि राज्य में हर 5 घंटे में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आ रही है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन घटनाओं में से 90% मामलों में आरोपी नाबालिग के रिश्तेदार, परिचित या करीबी होते हैं। यह स्थिति छत्तीसगढ़ में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रही है।
घटना 1: दुर्ग में छह साल की बच्ची के साथ दरिंदगी
हाल ही में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां एक छह साल की बच्ची के साथ यौन शोषण किया गया। आरोप है कि बच्ची के चाचा ने उसे सिगरेट से दागा और इलेक्ट्रिक शॉक देने के बाद उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस मामले में बच्ची के परिवार वाले इसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने राज्य में नाबालिगों के खिलाफ बढ़ती यौन हिंसा को और उजागर किया है।
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घटना 2: मूक-बधिर बच्ची की हत्या
साल 2015 में दुर्ग जिले के शिवाजी नगर खुर्सीपार में एक और दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब एक व्यक्ति ने पांच साल की मूक-बधिर बच्ची के साथ रेप किया और बाद में उसे पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी। इस हत्या में इतना बर्बरता से काम लिया गया कि बच्ची का यूट्रस तक बाहर आ गया था। इसके बाद, आरोपी ने बच्ची की लाश को बोरे में भरकर रेलवे ट्रैक के पास फेंक दिया। अदालत ने इस अपराध के लिए मुख्य आरोपी को मृत्युदंड की सजा दी।
घटना 3: सौतेले पिता द्वारा यौन शोषण
छत्तीसगढ़ के न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर जिले में एक 19 वर्षीय युवती ने अपने सौतेले पिता के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई। युवती ने बताया कि जब वह 13 साल की थी, तब उसकी मां और पिता का तलाक हो गया था और वह अपनी मां के साथ सौतेले पिता के घर रहने आ गई थी। इस दौरान उसके सौतेले पिता ने उसे यौन शोषण का शिकार बनाना शुरू किया। युवती ने कई सालों तक डर के कारण अपनी मां से यह बात नहीं बताई, लेकिन अंत में उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
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छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध: NCRB के आंकड़े
NCRB के मुताबिक, पिछले पांच सालों में छत्तीसगढ़ में नाबालिगों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है। 2019 में राज्य में 1,377 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए थे, जो 2022 में बढ़कर 1,809 हो गए। इन आंकड़ों से यह साफ जाहिर होता है कि छत्तीसगढ़ में नाबालिगों के खिलाफ यौन हिंसा लगातार बढ़ रही है, जो चिंताजनक है।
कौन से जिले सबसे ज्यादा असुरक्षित?
एनसीआरबी (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिले नाबालिगों के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। रायपुर में अकेले 2022 में 152 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, बलरामपुर और जशपुर जिले भी इन घटनाओं के लिए प्रमुख स्थानों पर हैं। इन जिलों में नाबालिगों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो समाज में बच्चों के लिए एक गंभीर सुरक्षा संकट पैदा कर रही हैं।
विशेषज्ञों की राय
यूनिसेफ की चाइल्ड प्रोटेक्शन विशेषज्ञ चेतना देसाई का कहना है कि यौन हिंसा के मामलों में 80% से ज्यादा आरोपी उस बच्चे को जानते हैं, जिससे हिंसा की जा रही है। उनका कहना है कि पेरेंट्स और केयरगिवर्स को बच्चों के बदलते हुए व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए और बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए। देसाई का मानना है कि बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ानी होगी और हर किसी को इस दिशा में कदम उठाना होगा।
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राज्य सरकार की पहल और चुनौतियां
हालांकि राज्य सरकार ने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन आंकड़े यह बताते हैं कि इन अपराधों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। पुलिस प्रशासन ने इन मामलों में त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन समाज में जागरूकता और सख्त कानूनी दंड से ही इन अपराधों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नाबालिगों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हर 5 घंटे में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि राज्य में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। इन अपराधों को रोकने के लिए पेरेंट्स, शिक्षा प्रणाली, पुलिस और समाज को मिलकर काम करना होगा। बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को और अधिक कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं पर काबू पाया जा सके।