Chhattisgarh News
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सटे कन्हैरा गांव में शुक्रवार सुबह तब हड़कंप मच गया, जब गांव की ज़मीन पर 6 गायों की लाशें पड़ी मिलीं। यह दृश्य न सिर्फ दिल दहलाने वाला था, बल्कि सरकार की नीतियों और ज़मीनी हालात पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर गया।
स्थानीय लोगों और गौ सेवकों का कहना है कि ये गायें वेस्ट मटेरियल यानी कचरा खाकर मरी हैं। वहीं कांग्रेस ने सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि गौठान बंद होने और प्रशासन की लापरवाही के चलते ही इन मासूम मवेशियों की जान गई।
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कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “सरकार ने गौ सेवा के नाम पर दिखावा किया है, ज़मीनी स्तर पर हालात बद से बदतर हो चुके हैं। गायें बिना चारे-पानी के मर रही हैं, और सरकार आंखें मूंदे बैठी है।”
इधर, कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने माना कि गर्मी के कारण चारे-पानी की समस्या बढ़ी है और उन्होंने गौ पालकों से अनुरोध किया कि वे अपनी गायों को सुरक्षित रखें। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि आवारा गायों को रखने के लिए ‘गौ-आभ्यारण्य’ जैसी योजनाएं लाई जा रही हैं।
लेकिन ज़मीनी हकीकत ये है कि जिनके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं, वो अब इस दुनिया में नहीं हैं। सवाल ये उठता है कि क्या योजनाओं का इंतज़ार करते-करते और कितनी बेज़ुबान जानें जाएंगी?