Chhattisgarh News
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में हुई करारे हार को लेकर कांग्रेस कमेटी की समीक्षा बैठक जारी है। दूसरे दिन शनिवार को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बिलासपुर पहुंची। यहां भी पहले दिन की तरह कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भड़ास निकाली। नेताओं में गुटबाजी, निष्क्रियता और कार्यकर्ताओं पर ध्यान नहीं देना हार की वजह बनी।
बिलासपुर के साथ ही सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर चर्चा हुई। सभी सीट के लिए अलग-अलग फीडबैक लिया गया। कमेटी के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली ने बंद कमरे में नेताओं कार्यकर्ताओं से बात की। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक बीते दिनों राजीव भवन में हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश चौधरी के सामने कांग्रेसी नेताओं ने अपनी बात रखी।
Chhattisgarh News
पहले दिन रायपुर और महासमुंद सीट को लेकर बैठक में भी कई नेताओं ने अपनी भड़ास निकाली। एक कांग्रेसी नेता ने कहा कि सरकार में रहने वालों ने संगठन की नहीं सुनी। टिकट वितरण से लेकर चुनाव अभियान की जिम्मेदारी को लेकर संगठन की उपेक्षा हुई, जिसका परिणाम विधानसभा के साथ लोकसभा में भी देखने को मिला। एक महिला पदाधिकारी ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार में दो महिला मंत्री बनाए जा सकते थे।
तब महिलाओं को सरकार और संगठन दोनों में स्थान नहीं मिला। महिला नेता ने यह भी कहा कि भाजपा की महतारी वंदन योजना को पार्टी ने हल्के में लिया। परिणाम विपरीत रहे। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम, धनेंद्र साहू, ताम्रध्वज साहू सहित अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद थे।
Chhattisgarh News
वीरप्पा मोइली ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन राज्यों के लिए कमेटी बनाई है, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। पूरे देश में 7 कमेटी बनाई गई है। कमेटी हर जगहों पर लोकसभा सीटों के आधार पर बैठकें ले रही है।
बैठक के जरिए हम हार के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे। खामियों को दूर करने का भी काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ लोकसभा सीटों की बैठकों की रिपोर्ट AICC को सौंपी जाएगी। जिसके बाद हाईकमान फैसला करेगा।
तो वही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन में तालमेल था। बावजूद इसके कहीं न कहीं कमियां रही हैं, जिसके कारण हम विधानसभा में सरकार नहीं बना पाए और लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। लेकिन, हार के एक कारण नहीं है।