Chhattisgarh News
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्राम मड़वारानी से लगभग 5 किलोमीटर पर आदिवासी गांव ठरकपुर की होनहार बहु अंजू कंवर का सिविल जज के पद पर चयन हुआ है, इससे पूरे ग्रामवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे है।
अंजू कंवर का ग्रामवासियों ने सम्मान भी किया। इस तरह की कठिन प्रतियोगिता की परीक्षा में बहुत ही कम लोगो का चयन होता है। चयनित लोगो में से अंजू कंवर भी एक है। इस मुकाम को हासिल करने के लिए अंजू कंवर की कहानी काफी रोचक और प्रेरणादायक है।
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अंजू कंवर ने कैसे पूरा किया अपना यह सफर, कैसे मिली उनको सफलता। वर्ष 2010 में अंजू कँवर की शादी ग्राम पंचायत गाड़ापाली के आश्रित ग्राम ठरकपुर के निवासी अर्जुन सिंह से संपन्न हुआ था।
अर्जुन सिंह शिक्षा कर्मी वर्ग के पद पर पदस्थ है। इससे पहले अंजू कंवर शिक्षा कर्मी वर्ग दो के पद पर कार्यरत थी तत्पश्चात लैब टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत रही। अंजू के पिता भी एक सेवानिवृत जज रह चुके है। वर्तमान में अंजू और अर्जुन के दो संतानें है।
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बहु से जज बनने तक का सफर
जिंदगी में कुछ अलग करने का जज्बा रख अंजू ने यह मुकाम हासिल किया। अपनी गृहस्थी और दो संतानों की जिम्मेदारी सँभालते हुए इस कड़ी प्रतियोगिता में अपनी मंजिल पाना आसान काम नहीं था।
अंजू ने कामयाबी की सफलता का श्रेय अपने परिवारजनों को दिया जिनके सहयोग से आज उसने यह मुकाम हासिल कर अपने सपने को पूरा किया। अंजू के इस सफर ने यह साबित कर दिखाया की “जहां चाह वहा राह”, अंजू का यह मानना है की इंसान अपनी कड़ी मेहनत और दृढ संकल्प से अपने सपनो को पूरा कर सकता है।
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अंजू के इस सफलता से समूचा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है। अंजू ने अपने आदिवासी समुदाय का मान बढ़ाया है। इसके लिए अंजू को सम्मान स्वरूप जिला न्यायालय कोरबा में पदस्थ शीघ्रलेखक कुलदीप सिंह पैकरा, कोरबा जिला पुलिस आरकक्ष अशोक सिंह कंवर के करकमलों से आदिवासी प्रतीक चिन्ह भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।