CHHATTISGARH MOB LYNCHING
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के आरंग में हुई मॉब लीचिंग केस में पुलिस ने 4 आरोपियों को हिरासत में लिया है। जिसके बाद इस गिरफ्तारी के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने बुधवार को सिटी कोतवाली थाने का घेराव कर थाने के बाहर हवन कर हनुमान चालीसा पाठ करने लगे।
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यह विरोध प्रदर्शन शाम 4:00 बजे से लेकर रात 12:00 तक कोतवाली थाने के सामने चलता रहा। इसी बीच डिप्टी सीएम अरुण साव प्रदर्शनकारियों से मिलने सीटी कोतवाली पहुंचे। उन्होंने मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया और प्रदर्शन को खत्म करने की बात कही।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, बजरंग दल और पुलिस अधिकारियों के बीच तीन बातो पर चर्चा हुई। जिसमें पहला प्रदेश में गौ तस्करी बंद होना चाहिए, दूसरा जिन पुलिस अधिकारियों ने इस घटना को मॉब लीचिंग का नाम दिया था, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए और तीसरी मांग आरोपियों की गिरफ्तारी जिन धाराओं के तहत की गई है, उसकी जांच की जानी चाहिए।
CHHATTISGARH MOB LYNCHING
दरअसल, मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को मंगलवार रात गिरफ्तार किया है। ये आरोपी महासमुंद निवासी नवीन सिंह ठाकुर और मयंक शर्मा है। नवीन ड्राइवर और मयंक ट्रांसर्पोटर है। इससे पहले दुर्ग से हर्ष मिश्रा और भारतीय जनता युवा मोर्चा नेता राजा अग्रवाल को पकड़ा गया।
वही आरोपी राजा महासमुंद के BJYM का प्रचार प्रसार प्रमुख है। उसने अपने सोशल मीडिया पर महासमुंद से BJP विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा के साथ फोटो भी शेयर किया है।
SIT टीम के प्रमुख रायपुर ग्रामीण एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर ने जानकारी देते बताया था कि, घटना के बाद डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची थी। महानदी पुल के नीचे युवक घायल अवस्था में मिला था। दो घायलों को महासमुंद जिला अस्पताल ले जाया गया था। इनमें से एक की घटना स्थल पर मौत हो गई थी। जिसका पोस्टमॉर्टम कराया गया। अन्य दो की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुईं। फिलहाल इस मामले की जांच अभी चल रही है।
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तो वही इस मामले में मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी को लेकर 21 जून को बड़ा प्रदर्शन किया था। जिसमें समुदाय के करीब 300-400 लोगों ने अपनी सांकेतिक गिरफ्तारी दी थी। हुसैनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहिल रउफी का आरोप था कि पुलिस राजनीतिक दबाव में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है।
बता दें कि यह घटना 7 जून को रायपुर-महासमुंद सीमा पर हुई थी। यूपी के सहारनपुर निवासी सद्दाम कुरैशी (23), उसके चचेरे भाई गुड्डू खान (35) और चांद मिया खान (23) छत्तीसगढ़ के महासमुंद से रायपुर में मवेशी लेकर जा रहे थे। इसी दौरान आरंग में महानदी नदी के पुल पर उन्हें रोक लिया गया और उन पर भीड़ ने हमला किया। जिसके बाद पुलिस को चांद मियां और गुड्डू खान पुल के नीचे पड़े मिले थे।
दोनों की उसी दिन मौत हो गई, जबकि जीवित बचे एकमात्र चश्मदीद सद्दाम ने 18 जून को दम तोड़ दिया। जिसके बाद समुदाय विशेष ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की। इसके बाद रायपुर SSP ने एसआईटी बनाकर आरोपियों की धर पकड़ शुरु की। इस मामले की जांच पड़ताल के लिए रायपुर SSP ने SIT का गठन किया है। पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को पकड़ा है, जिन पर आरंग मॉब लिंचिंग में शामिल होने के आरोप हैं।