Chhattisgarh Liquor Scam
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को जेल हो गई है। उन पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रहने के दौरान आबकारी नीति में बदलाव कर 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को अंजाम का आरोप है।
बता दें, 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें 7 दिन की ED रिमांड में भेजा गया था। 21 जनवरी को रिमांड खत्म होने के बाद ED ने कोर्ट में पेश किया। इसके बाद 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर उन्हें जेल भेजा गया।
लखमा पर 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का आरोप है, और उन्हें 2 फरवरी को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपों के मुताबिक, कवासी लखमा को 36 महीनों में अवैध सिंडिकेट के माध्यम से 72 करोड़ रुपये मिले थे। इस केस में ईडी जांच कर रही है।
गौरतलब है ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को लखमा और उनके करीबियों के घरों पर छापेमारी की थी। 3 जनवरी और 9 जनवरी को भी कांग्रेस नेता लखमा से पूछताछ की गई थी। इसके बाद 15 जनवरी को पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
Chhattisgarh Liquor Scam
ईडी का आरोप- तीन साल में लखमा को मिले 72 करोड़
कवासी लखमा की गिरफ्तारी 2161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में हुई है। ED के मुताबिक, लखमा को हर महीने शराब घोटाले के सिंडिकेट से दो करोड़ मिलते थे। यानी कि तीन साल में कवासी लखमा को सिंडिकेट से 72 करोड़ मिलते थे।
लखमा ने क्या कहा-
सरकार ने बहुत परेशान किया है। सरकार आदिवासियों की आवाज को बंद कर रही है। नगरनार को बेचने जा रहे हैं, अबूझमाड़ में सेना बैठा रहे हैं। इसकी आवाज उठाने पर डबल इंजन की सरकार जेल में डाल रही है। जो हो रहा है वो गलत हो रहा है। करोड़ों रुपए मिलने की बात झूठी है। मेरे घर में एक रुपए, फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। 6-6 बार चुनाव जीता हूं। विधानसभा में मैंने सवाल उठाए, घर पहुंचने से पहले ही ED आ गई।
कब हुआ ‘घोटाला’?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ था। इस समय कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार सत्ता में थी। उस समय कवासी लखमा राज्य के आबकारी मंत्री थे। ईडी का आरोप है कि लखमा ने शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय से बड़ी रकम मासिक रूप से प्राप्त की थी।