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Chhattisgarh IAS Transfer List : छत्तीसगढ़ में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, दर्जनभर जिलों के कलेक्टर बदले, 41 IAS अफसरों की जिम्मेदारियाँ बदलीं

Chhattisgarh IAS Transfer List

रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने शनिवार देर रात एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए राज्य में 41 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है। इस व्यापक फेरबदल में दर्जनभर जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं और कई विभागों को नए प्रमुख मिले हैं। यह कदम शासन व्यवस्था को अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

जारी आदेश के अनुसार, रायपुर के पूर्व कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को अब राजनांदगांव का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है। वहीं, जांजगीर-चांपा जिले की जिम्मेदारी जन्मेजय महोबे को सौंपी गई है। बिलासपुर में अवनीश शरण की जगह संजय अग्रवाल को कलेक्टर बनाया गया है, जबकि बालोद जिले की नई कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा होंगी।

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प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
कुछ अन्य प्रमुख नियुक्तियाँ:

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सरकार ने गरियाबंद जिले की कमान भगवान सिंह उइके को सौंपी है और मुंगेली में कुंदन कुमार को कलेक्टर बनाया गया है। कोंडागांव जिले में नुपूर राशि पन्ना को नई कलेक्टर नियुक्त किया गया है। रायगढ़ में मयंक चतुर्वेदी और दंतेवाड़ा में कुणाल दुदावत को कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है। खैरागढ़ में इंद्रजीत चंद्रवाल की नियुक्ति हुई है, जबकि पूर्व कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा को राज्य जलग्रहण मिशन का सीईओ बनाया गया है।

इस फेरबदल की एक खास बात यह भी रही कि कई प्रमुख विभागों में भी उच्च स्तर पर नियुक्तियाँ की गई हैं। अजय कुमार अग्रवाल को बीज एवं कृषि विकास निगम का एमडी बनाया गया है, जबकि टोपेश्वर वर्मा को राजस्व मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जनक प्रसाद पाठक को वन विभाग में विशेष सचिव और डा. प्रियंका शुक्ला को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का संचालक बनाया गया है।

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इसके अलावा, रजत बंसल को माइनिंग डायरेक्टर की जिम्मेदारी के साथ सुशासन और अभिसरण विभाग में पदस्थ किया गया है। इफ्फत आरा को रायपुर और दुर्ग का अपर कमिश्नर बनाया गया है। वहीं, आकाश चिकारा को आवास पर्यावरण विभाग में उप सचिव बनाकर रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) का सीईओ नियुक्त किया गया है।

यह फेरबदल ऐसे समय में किया गया है जब राज्य सरकार प्रशासनिक दक्षता को नई दिशा देने की कोशिश कर रही है। नए अफसरों को सरकार की प्राथमिकताओं को ज़मीन पर उतारने की ज़िम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि यह फेरबदल आने वाले समय में प्रशासनिक गति और पारदर्शिता को बढ़ाने में सहायक होगा।

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