Chhattisgarh has a debt burden of Rs 1 lakh crore
रायपुर. राज्य पर कर्ज का भार तेजी से बढ़ रहा है, चालू वित्तीय वर्ष (2023-24) का अंतिम महीना शुरू हो गया है, इधर, राज्य का कर्जभार बढ़कर 1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है, जो चालू वित्तीय वर्ष के मुख्य बजट के लगभग बराबर है.
राज्य की मौजूदा विष्णुदेव साय सरकार को 91 हजार 520 करोड़ का कर्ज विरासत में मिला है, वहीं, दिसंबर से अब तक साय सरकार केवल रिजर्व बैंक आफ इंडिया के माध्यम से 14 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है, वर्ष 2023-24 का मुख्य बजट 01 लाख 21 हजार 500 करोड़ था.
नए वित्तीय वर्ष (2024-25) का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया था कि 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में राज्य का कुल ऋण भार 41 हजार 695 करोड़़ था जो विगत 05 वर्षों के दौरान बढ़कर 91 हजार 520 करोड़ हो गया, उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के बाद 18 वर्षों में लिए गए ऋण से भी अधिक का ऋण पिछली सरकार द्वारा केवल 05 वर्ष के दौरान ले लिया गया, जनवरी 2024 की स्थिति में राज्य का कुल ऋण भार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में 18 प्रतिशत है.
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कर्जभार बढ़ने के बावजूद सरकार दावा कर रही है कि कर्ज अभी नियंत्रण में है, बतातें चले कि राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री चौधरी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं, कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया है, हमें खजाना खाली मिला है.