Chhattisgarh Foundation Day 2024
रायपुर। हमारे देश का 26वा राज्य छत्तीसगढ़ का आज स्थापना दिवस है। जिसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। आज छत्तीसगढ़ ने अपना 24 साल का सफर पूरा कर किया। हमारे प्रदेश का गठन 1 नवंबर, 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर किया गया था। मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्व के हिस्से को अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया है। इसके लिए प्रदेश में राज्योत्सव का आयोजन 4 से 6 नवंबर तक किया गया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हर जिले में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसके लिए प्रदेश की सरकार ने पूरी तैयारीयां कर ली है। इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी बने। फिर वर्ष 2003 में बीजेपी की सरकार बनी। दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चुने गए। उन्होंने प्रदेश में 15 साल राज किया। इसके बाद फिर कांग्रेस की सरकार बनी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने थे।
Chhattisgarh Foundation Day 2024
छत्तीसगढ़ नाम क्यों पड़ा
छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर, 2000 को हुआ जिसके बाद हमारा प्रदेश छत्तीसगढ़ भारत का 26वां राज्य बना और अस्तित्व में आया। बता दें कि एक समय में छत्तीसगढ़ में 36 गढ़ थे, इसीलिए इसका नाम छत्तीसगढ़ पड़ा। हालांकि गढ़ों की संख्या बढ़ने के बावजूद इसके नामों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
बता दें कि छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा राज्य है जिसे ‘महतारी'(मां) का दर्जा दिया गया है। ये राज्य वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों के विभिन्न कालों के प्रभाव में रहा है। राज्य में कई तरह की बोली लोग बोलते हैं। यहां की प्रमुख बोली छत्तीसगढ़ी है। छत्तीसगढ़ी के साथ ही प्रदेश में माढ़िया, हल्बी, गोंडी समेत अन्य बोली भी विभिन्न समाज बोलते हैं।
Chhattisgarh Foundation Day 2024
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस का इतिहास क्या है?
ऐतिहासिक रूप से देख जाए तो छत्तीसगढ़ की जड़ें प्राचीन काल से जुड़ी हुई हैं। इस क्षेत्र का उल्लेख दक्षिण कोसल के रूप में किया जाता है। इतिहास में मराठा शासन के दौरान छत्तीसगढ़ नाम व्यापक रूप से पहचाना गया। इस राज्य की प्रमुख पहचान की इसकी आदिवासी संस्कृति है। राज्य में आदिवासी समुदाय इसके रीति-रिवाजों और विरासत में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। छत्तीसगढ़ के लोगों की अपने अलग राज्य की मांग थी।
- वर्ष 1854 में छत्तीसगढ़ तीन संभाग बनाये गये – रायपुर, रतनपुर, धमतरी। 1 फरवरी 1857 को तहसीलों का पुनर्गठन कर 5 तहसीलों की स्थापना की गई – रायपुर, धमतरी, रतनपुर, धमधा, नवागढ़।
- वर्ष 1918 में पं. सुंदरलाल शर्मा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना।
- वर्ष 1924 में श्री वामनराव लाखे द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए पृथक कांग्रेस कमेटी की मांग।
- वर्ष 1939 में पं.सुंदरलाल शर्मा ने कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में पृथक छत्तीसगढ़ की मांग की।
- वर्ष 1941 की जनगणना में छत्तीसगढ़ क्षेत्र बिहार के साथ था ।
- वर्ष 1947 में ठा. प्यारेलाल सिंह ने “छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण हेतु प्रथम संगठन” “छत्तीसगढ़ शोषण विरोधी संघ” की स्थापना की।
- वर्ष 1951 की जनगणना में छत्तीसगढ़ क्षेत्र सीपीएंड बरार के साथ था।
- 28 जनवरी, 1956 को डॉ. खूबचंद बघेल एवं बैरिस्टर छेदीलाल द्वारा राजनांदगाँव में पृथक छत्तीसगढ़ मांग हेतु “छत्तीसगढ़ महासभा” का गठन किया गया, जिसके महासचिव दशरथ चौबे थे।
- वर्ष 1956 में जब भाषायी आधार पर राज्यों का निर्माण हुआ तब छत्तीसगढ़ी बोली को आधार मानते हुए अलग राज्य बनाने की मांग तत्कालीन विधायक ठाकुर रामकृष्ण सिंह ने विधानसभा में की थी।
- वर्ष 1966 डा. खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में भातृसंघ की स्थापना और छत्तीसगढ़ काव्य पाठ के माध्यम से जनजागरण अभियान।
- वर्ष 1983 में शंकर गुहा नियागी के द्वारा ‘छत्तीसगढ़ संग्राम मंच’ की स्थापना की गई।
- वर्ष 1993 में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में उल्लेख।
- 18 मार्च 1994 को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पृथक छत्तीसगढ़ विषयक शासकीय संकल्प प्रस्तुत और सर्वसम्मति से पारित।
- 25 मार्च 1998 को लोकसभा चुनाव के पश्चात् दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन का उल्लेख।
- 1 मई 1998 को मध्यप्रदेश विधानसभा में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य गठन विषयक संकल्प पारित।
- वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तथा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में उल्लेख।
- तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा एक आम सभा में घोषणा कि, यदि भाजपा सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में विजयी हुई तो राज्य निर्माण।
- 25 जुलाई 2000 को लोकसभा में 3 नये राज्यों के गठन हेतु विधेयक।
- 25 जुलाई 2000 को तत्कालीन गृह मंत्री श्री लालकृष्ण आडवानी द्वारा लोकसभा में छत्तीसगढ़ संशोधन विधेयक 2000 प्रस्तुत।
- 31 जुलाई 2000 को लोकसभा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य गठन विधेयक पारित।
- 9 अगस्त 2000 को राज्य सभा द्वारा राज्य सभा सदस्यों की संख्या यथावत रखने के संशोधन के साथ विधेयक पारित। लोकसभा तथा राज्य सभा द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु प्रेषित।
- 28 अगस्त 2000 को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर तथा भारत सरकार के राजपत्र में अधिनियम संख्या 28 के रूप में अधिसूचित।
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छत्तीसगढ़ को पहचान दिलाने बाले बघेल
बता दें कि छत्तीसगढ़ को अस्तित्व में लाने में सबसे पहले जिस महान हस्ती का नाम आता है वह नाम है डॉ. खूबचंद बघेल। जिसे हर छत्तीसगढ़वासी जानता है। सबसे पहले डॉ. खूबचंद बघेल ने ही छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का सपना देखा था। उन्हीं के सपनों की बदौलत ही आज छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख राज्य है। विश्व में भी इस राज्य की पहचान इसके प्राकृतिक सौंदर्य और यहां की संस्कृति से की जाती रही है।