CHHATTISGARH CONGRESS
रायपुर। लोकसभा चुनाव को कुछ ही दिन शेष रह गए है ऐसे में छत्तीसगढ़ में लगातार कांग्रेस को झटका लग रहा है। लगातार कई बड़े नेता पार्टी से इस्तीफा दे कर बीजेपी का थाम रहे हैं। इसी बीच प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र परिहार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र पर भूपेश बघेल पर तानाशाही का आरोप लगाया है। इस बीच कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। पीसीस चीफ दीपक बैज ने नाम लिखे इस्तीफे में उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर तानाशाही का आरोप लगाए है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र परिहार ने अपने इस्तीफा पत्र में कहा कि, मेरा मन तो पहले से ही भूपेश बघेल के तानाशाही रवैया फट गया है। मैंने पहले भी कांग्रेस से त्यागपत्र दिया था, लेकिन पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के समझाने पर मैंने पुनः कांग्रेस में प्रवेश किया था।
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लेकिन कांग्रेस में भूपेश बघेल ने सभी क्षेत्रों में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने अपने चहेतों को पद और टिकट बांटने के कारण प्रदेश में अपनी मजबूत लॉबी तैयार कर ली है। कांग्रेस में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को गुलाम की तरह देखते और व्यवहार करते हैं। उनके रहते कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में कभी भला नहीं हो सकता है। उन्होनें ऐसा वातावरण निर्मित कर दिया है, कि कोई भी उन्हें कहीं से चुनौती नहीं दे सके। भूपेश ने अपने समकाक्षों को किनारे लगा दिया है फिर कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूँ।
पुष्पेंद्र परिहार ने अपने पत्र में लिखा कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को भी भूपेश बघेल ने किराने लगा दिया तो फिर सामान्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं की क्या स्थिति होगी इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। भूपेश बघेल का पूरा कार्यकाल भय और भ्रष्टाचार का था जिसका परिणाम सब ने देखां कांग्रेस प्रचंड बहुमत के होते हुए भी सरकार बनाने को तरस गई। भूपेश के ऊपर ईडी की गिरफतारी की तलवार लटकी हुई है। उससे कांग्रेस की छवि सामान्य जनता में गिरी है इससे निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मोह भंग हो गया है वे बडी संख्या में पार्टी की सदस्यता छोड रहे।