CHHATTISGARH CONGRESS
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन की निष्क्रियता और लगातार कमजोर होती पकड़ को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष एक बार फिर सतह पर आने को तैयार है। आज रायपुर स्थित राजीव भवन में कांग्रेस की मैराथन बैठकों का दौर चलेगा, जहां पार्टी के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट की मौजूदगी में संगठन के कामकाज की तीखी समीक्षा की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, आज सुबह साढ़े 11 बजे पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक से शुरुआत होगी, जिसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी, जिला अध्यक्षों, विभागों और प्रकोष्ठों के प्रमुखों, और कांग्रेस विधायक दल की अलग-अलग बैठकें आयोजित होंगी।
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बैठकों में पार्टी पदाधिकारियों की निष्क्रियता, निर्णय लेने की लचर क्षमता और कमजोर परफॉर्मेंस को लेकर कई वरिष्ठ नेता और जिला अध्यक्ष खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने की तैयारी में हैं। वहीं, पार्टी कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि प्रभारी महासचिव सिर्फ बड़े नेताओं तक सीमित न रहें, बल्कि基层 कार्यकर्ताओं की भी सुनवाई करें, ताकि वास्तविक संगठनात्मक खामियों की जानकारी सीधे उन्हें मिल सके।
सूत्रों के अनुसार, बीते डेढ़ सालों में कांग्रेस संगठन की कार्यप्रणाली में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं दिखा है। न तो प्रभावी राजनीतिक आंदोलन हो पाए और न ही राज्य सरकार के खिलाफ कोई स्पष्ट विपक्षी भूमिका दिखी। सचिन पायलट ने पूर्व की बैठकों में निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर करने के संकेत दिए थे, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ।
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तीन प्रभारी सचिवों की नियुक्ति के बावजूद जिलों में संगठन का ज़मीनी ढांचा मजबूत नहीं हो पाया है। उनके दौरे केवल औपचारिकता तक सीमित रह गए हैं और संगठन की गतिविधियां कागजों तक सिमट गई हैं।
पार्टी के भीतर अब यह चर्चा जोरों पर है कि कहीं यह बैठक भी पिछली बैठकों की तरह केवल एक औपचारिकता बनकर न रह जाए। लिहाजा, इस बार पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोनों ही उम्मीद कर रहे हैं कि सचिन पायलट ठोस निर्णय लें और निष्क्रियता पर सख्त कार्रवाई करें। संभावित फैसले और नाराजगी, दोनों के साथ आज का दिन छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।