CHHATTISGARH CONGRESS
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विपक्ष में आने के बाद लगातार सत्ता पक्ष को घेरते हुए नज़र आ रही है। ऐसे ही अभी एक ताजा मामला कवर्धा क्षेत्र का है जहां पुलिस कस्टडी में एक युवक की मौत से छत्तीसगढ़ में फिर सियासी मामला गरमाई हुयी है। इसी के तहत कांग्रेस ने शनिवार को छत्तीसगढ़ बंद का आवाह्न किया था। जिसमे लोगों का कांग्रेस को भरपूर समर्थन मिला।
बंद का असर राजधानी रायपुर सहित बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, कवर्धा, दुर्ग, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, भिलाई, बेमेतरा, राजनांदगांव, जगदलपुर, सुकमा, नारायणपुर, कोण्डगांव, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर चांपा, रायगढ़, जशपुर, बलरामपुर, कोरिया सहित प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहर में व्यापारियों और जनता ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रख देखने को मिला।
CHHATTISGARH CONGRESS
बता दें कि प्रदेश में साय सरकार की नाकामी, बिगड़ती कानून व्यवस्था तथा कवर्धा के लोहारीडीह में की गयी पुलिस की बर्बरता तथा पुलिस की पिटाई से प्रशांत साहू की मौत को लेकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था जिसका जनता ने भरपूर समर्थन किया। पीसीसी चीफ दीपक बैज राजधानी की सड़कों में स्वयं बंद की अपील करने निकले।
वही बंद की सफलता के बाद पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य की जनता और व्यापारियों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि चेंबर ऑफ कामर्स ने हमें लिखित समर्थन नहीं दिया था, लेकिन बावजूद इसके प्रदेश के सभी छोटे-छोटे, अलग-अलग व्यवसायिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया और अपने दुकानों प्रतिष्ठानों को बंद रखा। रोज-रोज की अपराधिक घटनाओं से पूरे प्रदेश में भय का माहौल बना हुआ है। सरकार आम आदमी को सुरक्षित माहौल देने में नाकामयाब साबित हो रही है।
CHHATTISGARH CONGRESS
ऐसे में अपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद हो गये। लोगों को जिंदा जला दिया जा रहा, महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटनायें बढ़ गयी, एसपी, कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे, राज्य में 9 महीने में ही दो कलेक्टर, दो एसपी को सजा के बतौर हटाया गया तथा निलंबित करना पड़ा उसके बाद भी सरकार अपनी आत्ममुग्धता में लगी हुई है। इन सभी घटनाओं की नैतिक जवाबदारी गृहमंत्री की बनती है। तो ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी जवाबदेही समझे गृहमंत्री को बर्खास्त करें।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस जनता के हितों की लड़ाई आगे भी लड़ती रहेगी। प्रशांत साहू को अभी न्याय नहीं मिला है। प्रशांत साहू की मौत की जांच के कोई आदेश अभी तक सरकार ने नहीं दिया है। हम दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होने तक लड़ाई जारी रखेंगे।