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रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल 20 लाख की इनामी नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने आज तेलंगाना के वारंगल में पुलिस के पास आत्म समर्पण कर दिया है। जिसके बाद एक बार फिर से माओवादियों को तगड़ा झटका लगा है। निर्मला दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति की महिला सदस्य रही। नक्सली संगठन में निर्मला को उसके साथ कोड़ी मंजुला के नाम से भी जाता है।
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कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला ने तेंलगाना के वारंगल में सरेंडर कर दिया है। बता दें कि सरकार ने निर्मला पर 20 लाख का रखा था। मंजुला कुख्यात नक्सली लीडर कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद एवं कोडी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना की बहन है और साथ ही दंडकरण स्पेशल जोनल कमिटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की मेंबर है। निर्मला 1994 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी।
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आप को बता दें कि 25 मई 2013 को जब छत्तीसगढ़ में एक खौ़फनाक और भयावह हत्याकांड हुआ था, जिसे आज भी राज्य का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है। इस हमले में कांग्रेस के कई बड़े और दिग्गज नेता जैसे नेता नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 30 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।
इस हमले के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में जांच का सिलसिला चलता रहा, लेकिन आज तक इस हत्याकांड के अपराधियों का पर्दाफाश और इसके पीछे के रहस्यों को अब तक नहीं सुलझाया जा सका है। 30 कांग्रेस नेताओं की इस हत्या की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने 27 मई 2013 को दो दिन बाद एनआईए को सौंप दी थी, लेकिन इसके बाद भी यह मामला अनसुलझा ही बना रहा।
वहीं 2013 में हुए झीरम घाटी हमले में कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला भी शामिल थी। कहा जा रहा है कि इस घटना के अलावा भी मंजुला चित्यला, नरसापेट, एथूरनगरम और कई पुलिस स्टेशनों पर हुए गोलीबारी में शामिल रही है।