spot_img
Tuesday, June 24, 2025

Bypoll Results 2025 : कांग्रेस की केरल में वापसी, AAP का गुजरात में धमाका, पंजाब-बंगाल में भी दिलचस्प मुकाबला

Bypoll Results 2025 नई दिल्ली। देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे आज घोषित हो रहे हैं और ये...

Latest Posts

Chaitra Navratri 2024 : माता शैलपुत्री की पूजा के साथ आज से आरंभ हुई चैत्र नवरात्रि, जानिए घटस्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

Chaitra Navratri 2024

हिंदू धर्म में शारदीय और चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। आज से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रहा है। एक वर्ष में कुल चार नवरात्रि आती है, पहला चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही हिंदू वर्ष भी आरंभ होता है। नवरात्रि के त्योहार में आदिशक्ति मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की उपासना की जाती है।

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 09 अप्रैल,मंगलवार से शुरू हो रहा हैं। पहला दिन में मां के शैलपुत्री अवतार की उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि विधि-विधान से मां आदिशक्ति की पूजा करने से हमारे सारे संकट दूर होते हैं और मां की विशेष कृपा भी बनी रहती है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में……..

मां शैलपुत्री:-
पौराणिक कथाओं अनुसार शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय के घर में हुआ था। इसी कारण से उनका नाम शैलपुत्री पड़ा। शैलपुत्री ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने प्रकट होकर उन्हें वरदान दिया था। मां के इस रूप को करुणा, धैर्य और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। मां शैलुपत्री की पूजा करने से सारी परेशानियां दूर होती हैं। इसके साथ ही जो कन्याएं मां शैलुपत्री की पूजा करती हैं उन्हें इच्छा के अनुसार पति मिलता है। और उनका वैवाहिक जीवन भी सफल रहता है।

Chaitra Navratri 2024

मां शैलपुत्री पूजा विधि:-

  • मां शैलपुत्री की पूजा शुरू करने से पहले अपने पूजा घर में कलश स्थापना कर लें।
  • उसके बाद भगवान गणेश की पूजा कर अखंड ज्योति जलाएं।
  • मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग सफेद रंग है. इसके अलावा नारंगी और लाल कलर का भी उपयोग पूजा के लिए कर सकते हैं।
  • अब षोडोपचार विधि से मां शैलुपत्री की पूजा करें. इस दौरान मां शैलपुत्री को कुमकुम, सफेद चंदन, सिंदूर, पान, हल्दी, अक्षत,
  • सुपारी, लौंग, नारियल और 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
  • मां शैलपुत्री को सफेद रंग के फूल, सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
  • उसके बाद मां शैलपुत्री के बीज मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती करें।
  • शाम को भी मां शैलपुत्री की आरती करें और लोगों को प्रसाद दें।

मां को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का करें जाप:-
ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः ह्रीं शिवायै नम: वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्.
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

READ MORE – CHAITRA NAVRATRI 2024 : आइये जानते है चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ से लेकर वैनायकी गणेश चतुर्थी व्रत त्योहार तक महत्व, और पूजा विधि – पूरी जानकारी

चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त तिथि:-
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार शुभ चौघड़िया 09 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इस शुभ मुहू्र्त में कलश स्थापना कर सकते हैं। 09 अप्रैल को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग रहेगा। वैदिक ज्योतिष में इन योगों में पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है।

Chaitra Navratri 2024

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:-
09 अप्रैल को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। क्योंकि यह अभिजीत मुहूर्त है। कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ होता है। इसके अलावा इस समय वैघृत योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग भी रहेगा। ऐसे में घटस्थापना, पूजा का संकल्प लेना और मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी रहेगा।

  • ब्रह्रा मुहूर्त- सुबह 04:31 से 05: 17 तक
  • अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:57 से दोपहर 12: 48 तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 से दोपहर 03: 21 तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:42 से शाम 07: 05 तक

 

  • अमृत काल: रात्रि 10:38 से रात्रि 12: 04 तक
  • निशिता काल: रात्रि 12:00 से 12: 45 तक
  • सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07:32 से शाम 05: 06 तक
  • अमृत सिद्धि योग: सुबह 07:32 से शाम 05: 06 तक

कलश स्थापना पूजन सामग्री:-
कलश स्थापना करने के लिए सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश, नारियल, लाल चुनरी, हल्दी, अक्षत, लाल रंग का वस्त्र, सिक्का, पंच पल्लव, सुपारी, शहद, गंगाजल, पंच पल्लव, रोली, जौं के बीज, लाल कपड़ा।

कलश स्थापना की विधि:-

  • नवरात्रि में सुबह जल्दी उठें। इसके बाद स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद अपने घर के मंदिर को अच्छे से स्वच्छ कर लें।
  • मंदिर की साफ सफाई के बाद उसे अच्छे से फूलों से सजाएं।
  • घट स्थापना के लिए सबसे पहले कलश में पानी भरकर रख दें। इसके बाद कलश में सिक्का, सुपारी, गंगाजल, शहद और आम के पत्ते रखें।
  • इसके बाद नीचे मिट्टी को फेला लें और अष्टदल बनाएं।
  • फिर नारियल को एक लाल कपड़े में बांधकर कलश के ऊपर स्थापित कर दें।
  • कलश पर स्वास्तिक जरुर बनाएं। साथ मिट्टी के बर्तन में जौं भी जरूबो दें।

Chaitra Navratri 2024

चैत्र नवरात्रि तिथियां:-

  • चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि व्रत 9 अप्रैल 2024 – मां शैलपुत्री की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि द्वितीया तिथि व्रत 10 अप्रैल 2024 – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि तृतीया तिथि व्रत 11 अप्रैल 2024 – मां चंद्रघंटा की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि चतुर्थी तिथि व्रत 12 अप्रैल 2024 – मां कुष्माण्डा की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि पंचमी तिथि व्रत 13 अप्रैल 2024 – मां स्कंदमाता की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि षष्ठी तिथि व्रत 14 अप्रैल 2024 – मां कात्यायनी की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि सप्तमी तिथि व्रत 15 अप्रैल 2024 – मां कालरात्री की पूजा
  • चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि व्रत 16 अप्रैल 2024 – मां महागौरी की पूजा, अष्टमी पूजन
  • चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि व्रत 17 अप्रैल 2024 – मां सिद्धिदात्री की पूजा, नवमी पूजन

 

 

 

 

 

 

 

 

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.