रायपुर, 20 अक्टूबर। Chaitanya Baghel : दिवाली के पावन अवसर पर जब पूरा देश अपने परिवार के साथ त्योहार मना रहा है, तब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने बेटे चैतन्य बघेल से मिलने की अनुमति नहीं मिली। इस पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट साझा किया है।
भूपेश बघेल ने X पर किया पोस्ट
भूपेश बघेल ने लिखा,”दो दशक पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने मेरे बाबूजी को जेल भेजा था। फिर भी दिवाली के दिन उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी। आज पीएम मोदी और अमित शाह की कृपा से बेटा जेल में है। लेकिन आज दीवाली है, और मुझे उससे मिलने की अनुमति नहीं मिली। बहरहाल, सबको दीवाली की शुभकामनाएं।
चैतन्य बघेल की याचिका हाईकोर्ट से खारिज
इसी बीच, शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार चैतन्य बघेल को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया कि जांच और गिरफ्तारी नियमों के विरुद्ध हुई है, अतः उसे रद्द किया जाए।
लेकिन जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने माना कि, ईडी की कार्रवाई कानून के तहत की गई है, और इसमें न्यायालय को हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पक्ष रखा।
शराब घोटाले से जुड़ा मामला
चैतन्य बघेल को ईडी ने शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि वे इस घोटाले में आर्थिक लेन-देन और अवैध लाभ में शामिल रहे। जांच एजेंसी का दावा है कि उसके पास इस संबंध में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
भूपेश बघेल की टिप्पणी और अदालत के फैसले से यह मामला कानूनी और राजनीतिक दोनों ही रूप से चर्चाओं में आ गया है। दिवाली के मौके पर बेटे से मिलने की अनुमति न मिलने को उन्होंने व्यक्तिगत दुःख और राजनीतिक प्रहार—दोनों के रूप में प्रस्तुत किया है।
जहां एक ओर अदालत ने ईडी की कार्रवाई को वैध ठहराते हुए चैतन्य बघेल को राहत देने से इनकार कर दिया है, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिवाली के दिन बेटे से न मिल पाने के दर्द को जनता के साथ साझा कर भावनात्मक अपील कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे का राजनीतिक असर दिख सकता है।