CG Nikay Chunav 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न नगरीय निकायों में हुए चुनाव में लोकतंत्र का जश्न मनाते हुए 72.19% मतदान दर्ज किया गया। यह आंकड़ा प्रदेश में मजबूत जनभागीदारी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति जागरूकता का प्रमाण है। मंगलवार को हुए इस चुनाव में प्रदेश के 173 नगर निकायों के लिए वोट डाले गए, जिसमें 10 नगर निगम के मेयर पद के लिए भी मतदान हुआ।
शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न मतदानसुबह 8 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चला मतदान अधिकांश स्थानों पर शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ जगहों पर हल्की-फुल्की झड़पें और तकनीकी खामियां भी देखने को मिलीं। कुल 5,970 मतदान केंद्रों में से 1,531 को संवेदनशील और 132 को अति-संवेदनशील घोषित किया गया था। मतदाताओं के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बूथों पर लाइनें शाम 6 बजे तक देखी गईं।
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राजनीतिक दलों के दावे और जोशप्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चुनाव में बीजेपी की जीत का दावा करते हुए कहा, “13 महीने में किए गए कार्यों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है, और जनता का आशीर्वाद हमें प्राप्त होगा।” उपमुख्यमंत्री अरुण साव और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी बीजेपी के पक्ष में माहौल होने की बात कही।
वहीं, कांग्रेस के नेताओं ने भी अपने दावे किए। रायपुर में मेयर पद की प्रत्याशी दीप्ति दुबे ने भरोसा जताया कि जनता कांग्रेस के साथ है। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा में कांग्रेस की जीत का विश्वास जताया, जबकि निखिल द्विवेदी ने राजनांदगांव में कांग्रेस की मजबूती का दावा किया।
चुनाव के दौरान विवाद और चुनौतियाँरायपुर, धमतरी, बालोद जैसे क्षेत्रों में मतदान के दौरान कुछ विवाद सामने आए। रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड में मतदाता सूची में गड़बड़ी के कारण हंगामा हुआ, जबकि धमतरी में ईवीएम खराबी की शिकायतें आईं। दंतेवाड़ा में नक्सली गतिविधियों के चलते आईईडी ब्लास्ट की घटना भी सामने आई, जिसमें एक सीआरपीएफ जवान घायल हुआ।
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जनता का उत्साह और लोकतंत्र की जीतबिलासपुर के हीरानगर में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए सुविधा की कमी के बावजूद लोग वोट डालने पहुंचे, जो लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस चुनाव में जनता ने न केवल अपने मताधिकार का प्रयोग किया, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती में भी अहम भूमिका निभाई।
नतीजों पर टिकी निगाहेंअब सभी की निगाहें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं, जिनसे यह स्पष्ट होगा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने किसे अपने नगर निगमों और परिषदों की बागडोर सौंपी है। यह चुनाव न केवल राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रदेश के विकास की दिशा तय करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।