बिलासपुर. एक बच्चें के हाथ काटने का मामला समाने आया है, मामला बिलासपुर के सिम्स का है जहां डिलीवरी के दौरान नवजात के हाथ में नस खोजने के लिए इतनी सुइंया चुभाई गई कि घाव बन गया, जिससे गैंगरीन हो गया, इसके चलते अब मासूम का हाथ तक काटना पड़ गया, परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है, कलेक्टर ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है. परिजन ने बच्चे को जिंदगी भर के लिए दिव्यांग बनाने के लिए मुआवजा दिलाने की मांग की है, कलेक्टर ने परिजन की शिकायत पर जांच कराने और जांच में दोषी पाए जाने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

मिली जानकारी के मुताबिक मनेंद्रगढ़-चिरिमिरी के जनकपुर निवासी सुखीराम फारेस्ट गार्ड हैं, उन्होंने जून में अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए सिम्स पहुंचे थे, यहां डिलीवरी के बाद उनकी पत्नी ने लड़के को जन्म दिया. बताया जा रहा है किसी कारण से बच्चे को ड्रीप लगानी पड़ी लेकिन नस खोजने के लिए स्टाफ नर्स ने उसके हाथ में कई सुइयां चुभाई, इससे उसके हाथ में घाव बन गया और गैंगरीन हो गया, उसकी हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए.
इसके बाद परिजन मासूम बच्चे को लोटस अस्पताल लेकर गए, वहां भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और उसकी हालत गंभीर हो गई, पिता ने बताया कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती, जिस कारण बच्चे के घाव में गैंगरीन हो गया और हथेली के ऊपर तक फैल गया. जब बच्चे की हालत और गंभीर हुई, तब लोटस अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़ा कर दिया. परिजन बच्चे को लेकर नागपुर गए, वहां पता चला कि इलाज में लापरवाही के चलते बच्चे की हालत गंभीर हो गई है, डॉक्टरों ने हाथ काटकर बच्चे की जान बचाने की सलाह दी. लिहाजा, सुखीराम ने अपने बच्चे का इलाज कराया और ऑपरेशन के बाद उसका हाथ काटना पड़ा.
अब सोमवार को सुखीराम ने सिम्स और लोटस हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत की है, मामले की जांच कर इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही अपने बच्चे को जीवनभर के लिए अपाहिज बनाने के लिए मुआवजा राशि दिलाने की मांग की है.