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सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक थाना प्रभारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। मिली जनकारी के मुताबिक सुकमा जिले के कोंटा में पदस्थ टीआई पर चार पत्रकारों को गांजा के केस में फंसाने का आरोप लगा है। कोंटा टीआई अजय सोनकर को निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें धारा 324 (जानलेवा हमला) और धारा 331 (अत्याचार) के तहत मामला दर्ज हुआ है।
बता दे कि कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर पर आरोप है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर पत्रकार बप्पी राय, शिवेंदु त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह की गाड़ी में गांजा रखवाया और गिरफ्तार करा दिया। प्रदेशभर में पत्रकारों के विरोध के बाद प्रशासन ने तत्काल टीआई को लाइन अटैच कर दिया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के 4 पत्रकार कोंटा क्षेत्र में अवैध रेत परिवहन की रिपोर्टिंग के लिए कोंटा पहुंचे थे। जहां उनके द्वारा शबरी नदी से ट्रकों में रेत भरकर तेलंगाना के हैदराबाद ले जाते वाहनों को रोक कर पूछताछ कर वीडियो बनाया गया था। तभी इस दौरान कोंटा TI अजय सोनकर मौके पर पहुंचे और दो ट्रकों को थाने लाया और रात में ट्रकों को छोड़ दिया गया।
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वही अगली सुबह शनिवार को कोंटा के एक लॉज में ठहरे चारो पत्रकार कोंटा सीमा पर आंध्रप्रदेश के चट्टी क्षेत्र में पहुंचे थे, जहां उन्हें कार में गांजा रखने के आरोप में चिंतुर की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चिंतुर थाना आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीतारामा राजू जिले में है। मामला पत्रकारों का होने के कारण गृहमंत्री तक बात पहुंची और बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने वहां के आईजी से इस संबंध में चर्चा की। दोपहर तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। वही पत्रकारों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई और अब कोंटा TI अजय सोनकर को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जा रहा है।
बता दे कि पत्रकारों की रिहाई के लिए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन कर, गृह मंत्री से शिकायत की गई। विरोध प्रदर्शन के बढ़ते दबाव के कारण सुकमा पुलिस ने तत्कालिक प्रभाव से अजय सोनकर को निलंबित कर दिया। वही इस मामले की जांच की जा रही है।
पत्रकार संघ की ओर से की गई शिकायत के आधार पर परमेश्वर तिलक की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी की रिपोर्ट मुझे कल प्राप्त हुई, जिसके आधार पर यह पुष्टि हुई कि थाना प्रभारी अजय सोनकर ने 10 अगस्त की रात को डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) सीसीटीवी को अपने कब्जे में लिया, जो एक अनैतिक और अपराधिक कृत्य था। इस पूरे मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।
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