CG CONGRESS NYAY YATRA
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक अबोध बच्ची के जो दरिंदगी हुई उसने पुरे प्रदेश की आत्मा को झकझोर दिया है। वह बच्ची, जो शायद अभी दुनिया को समझना भी शुरू नहीं कर पाई थी, वह समाज की उस दरिंदगी का शिकार हो गई, जिसे शब्दों में बयां करना भी मुश्किल है। नवरात्रि के पावन दिनों में जब देशभर में कन्याओं के चरण धोकर उन्हें देवी मानकर पूजने की परंपरा निभाई जा रही थी, उसी समय छत्तीसगढ़ की मिट्टी में एक मासूम की चीखें दफन कर दी गईं।
इस बर्बरता के बाद जैसी उम्मीद होती है कि पुलिस और प्रशासन संवेदनशीलता दिखाएंगे, वैसा कुछ हुआ नहीं। उल्टा, इस मामले की जांच और पुलिस का रवैया परिजनों के लिए और अधिक त्रासदी लेकर आया। मृत बच्ची के परिवार का आरोप है कि जिस व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है, वह असली अपराधी नहीं है।
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उन्होंने पुलिस पर यह भी आरोप लगाया कि जांच के नाम पर परिजनों को प्रताड़ित किया गया। बच्ची के वृद्ध दादा को बुरी तरह पीटा गया, वहीं उसकी नाबालिग बुआ के गाल के अंदर तक चोट पहुंचाई गई। पीड़ित परिवार की महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया और पुरुषों पर झूठा अपराध कबूलने का दबाव बनाया गया।
पुलिस की इस बेरुखी और संवेदनहीनता के खिलाफ जनता का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। दुर्ग में जहां संदिग्ध आरोपी के घर में आगजनी हुई, वहीं बलौदाबाजार में प्रशासनिक इमारतें जलाए जाने तक बात पहुंच गई। लोगों को न सरकार पर विश्वास रहा और न पुलिस पर। वे खुद न्याय की मांग लेकर मैदान में उतर आए। ये दृश्य सिर्फ गुस्से का नहीं, बल्कि उस टूटे हुए भरोसे का प्रमाण था जिसे व्यवस्था के नाम पर लोगों ने आज तक थामे रखा था।
अब यही आक्रोश एक आंदोलन का रूप लेने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी ने घोषणा की है कि 18 से 21 अप्रैल तक ‘न्याय पथ यात्रा’ निकाली जाएगी, जो दुर्ग से रायपुर तक चलेगी। इस यात्रा का समापन 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री निवास के घेराव के साथ होगा। कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि उन हज़ारों बेटियों की आवाज़ है जिन्हें आज भी न्याय नहीं मिला है, जिन्हें सुनने वाला कोई नहीं है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने घटना को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उनका कहना है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, महिलाएं और बच्चियां असुरक्षित हो गई हैं। अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं रह गया है और पुलिस खुद अपराध छुपाने में लगी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस असली अपराधी को पकड़ने की बजाय निर्दोष लोगों को फंसा रही है और मृतक परिवार को ही यातना दी जा रही है।
दीपक बैज ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने दुर्ग के एसपी को हटाने और थाना प्रभारी को सस्पेंड करने की बात कही है। इसके साथ ही गृह मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने को कहा है। अगर वह इस्तीफा नहीं देते, तो मुख्यमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। उनका कहना है कि सरकार इस घटना पर मौन है और मुख्यमंत्री अपने आप में मस्त हैं, जबकि प्रदेश में अपराध बेलगाम होते जा रहे हैं।
यह घटना केवल एक बच्ची की हत्या नहीं है, यह पूरे सिस्टम की नाकामी का दस्तावेज बन चुकी है। वह मासूम, जो नवरात्र में देवी के रूप में पूजी जानी थी, उसकी चीखें हमारे प्रशासन की दीवारों से टकराकर लौट आईं। अब सवाल यह है कि क्या ‘न्याय पथ’ पर चलती यह यात्रा केवल एक राजनीतिक कदम बनकर रह जाएगी या सच में उस बच्ची की आत्मा को शांति दिला पाएगी?