CG BREAKING liquor scam
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। फरार कारोबारी विजय भाटिया को आखिरकार दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, इस कार्रवाई के साथ ही दुर्ग स्थित उनके निवास पर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने छापा मारा है। इस ऑपरेशन में EOW की छह अधिकारियों की टीम शामिल थी।
बता दें कि यह शराब घोटाला वर्ष 2019 से 2022 के बीच राज्य की सरकारी शराब दुकानों के माध्यम से अवैध शराब बिक्री से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में खुलासा हुआ कि इस घोटाले से 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।
ED ने अपनी चार्जशीट में अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, व्यापारी अनवर ढेबर, IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, और कई शराब कंपनियों जैसे छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, ओम साईं ब्रेवरेज आदि के नाम शामिल हैं।
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ED की जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे घोटाले का संचालन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुआ, जिसमें सरकारी अफसरों और व्यापारियों के गठजोड़ ने अहम भूमिका निभाई।
28 दिसंबर 2024 को ED ने कवासी लखमा और उनके परिजनों के ठिकानों पर छापे मारे थे। 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
विजय भाटिया, जो कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं, लंबे समय से फरार थे। उनके खिलाफ पहले भी ईडी, एसीबी और ईओडब्ल्यू ने कई बार छापेमारी की थी, लेकिन वे हर बार बच निकलते थे। इस बार दिल्ली में EOW ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उनके दुर्ग स्थित घर पर भी बड़ी कार्रवाई की गई है। यह गिरफ्तारी मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है और घोटाले की परतें और भी खुलने की संभावना जताई जा रही है।
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