रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा बजट सत्र के सातवें दिन शराब और अपराध का मुद्दा सदन में गूंजा. प्रश्नकाल के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने शराब और अपराध का मुद्दा उठाया, शराब और अपराध से जुड़े उदाहरण भी धरमलाल कौशिक ने साझा किए, बीते दिनों वीआईपी रोड स्थित एक क्लब में हुई घटना का उदाहरण दिया जिसमें युवकों के बीच हुई विवाद को लेकर क्लब में गोली चली, शराब और अपराध के मामलों पर सदन में विधायक धरमलाल कौशिक अपनी ही सरकार को घेरते नजर आए. प्रदेश में नई सरकार ने अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में कई अपराधिक मामले दर्ज किए, अपराध पर लगाम लगाने के लिए गृह विभाग की लगातार बैठकें की गई मगर राजनीतिक गलियारों में बढ़ते अपराध और शराब के वितरण पर तेज बयानबाजी देखी गई जो विधानसभा की दहलीज पर पहुंची. [विधानसभा बजट सत्र]
बजट सत्र में शराब और अपराध का मामला मुद्दा बनकर पूरे सदन में गूंजा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने शराब दुकानों और बार के समयावधि को लेकर सवाल खड़े किए वहीं वीआईपी रोड के एक क्लब में हुए अपराध के मामले का उदारहरण देते हुए बढ़ती अपराध की घटनाओं पर भी सवाल खड़े किए, वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि लगातार रायपुर के वीआईपी रोड में घटनाएं घट रही है, बार में गोलियां चलती है, शराब के नशे में युवक युवतियां नाचते हैं, बेहद चिंताजनक विषय है. विधायक धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री से आग्रह भी किया कि समयावधि के बाद बार बंद होने चाहिए. यदि बार का संचालन समयावधि के बाद भी होता है तो इस पर कार्रवाई की जाए जिससे आपराधिक गतिविधि में रुकावट आ सके. धरमलाल कौशिक का यह भी कहना था कि ऐसी घटनाओं से प्रदेश की छवि खराब हो रही है. [विधानसभा बजट सत्र]
अपराध और शराब को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच पहले भी बयानबाजी हो चुकी है, अपराध और शराब का मुद्दा सदन में उठने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है, विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि जिस तरह से 2 महीनों से नक्सली घटना, धर्म परिवर्तन, हत्याएं हो रही है उन्हें जनता देख रही है, बीजेपी को घेरते हुए कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि यह सरकार केवल घटनाओं को दबाने का प्रयास कर रही है, हम सदन में प्रश्न कर बातें सामने ला रहे हैं और कड़ी जांच की मांग कर रहे हैं. कुंवर सिंह निषाद ने यह भी कहा कि अपराध को रोक पाने में सरकार नाकाम रही है. [विधानसभा बजट सत्र]
गृह विभाग में हुई तमाम बैठकों के बाद पुलिस को अपराध और शराब से जुड़े मामलों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश मिले हैं, हालांकि राजनीतिक गलियारों में अपराध और शराब को लेकर शुरू हुई बयानबाजी अब सदन में एक मुद्दा बनकर उठी है, अब देखने वाली बात होगी की आने वाले समय में अपराध पर लगाम लगती है या फिर इनकी संख्या में इजाफा होता है. [विधानसभा बजट सत्र]