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पटना। लोकसभा चुनाव होने से पहले बिहार में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका लगा है। बिहार में कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल शर्मा ने रविवार 31 मार्च को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अनिल शर्मा का कांग्रेस के साथ 39 वर्षों का सफर अब लोकसभा चुनाव से पहले समाप्त हो गया। अनिल शर्मा ने अपने इस्तीफे के पीछे पार्टी का राजद से गठबंधन बताया है। उन्होंने कहा कि “मैं राजद से गठबंधन का विरोधी हूं।
कांग्रेस का राजद से गठबंधन आत्मघाती है। कांग्रेस ने राजद से गठबंधन कर अक्षम अपराध किया है।” दसअसल, बिहार में सीट बंटवारे के बाद से ही यह पार्टी से नाराज चल रहे थे। सीट बंटवारे में कांग्रेस को अधिकतर परंपरागत सीटें ही मिली है। वहीं औरंगाबाद और पूर्णिया की सीट ना मिलने से कार्यकर्ता नाराज थे।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनिल शर्मा ने इस्तीफा देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लेटर भेजा है। वहीं अनिल शर्मा ने अपने इस्तीफे की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा कि, पप्पू यादव को कांग्रेस में शामिल करना मेरे इस्तीफा देने की सबसे बड़ी वजह है। साथ ही उन्होंने कहा कि, राजद और कांग्रेस का गठबंधन सही नहीं है। उन्होंने कहा कि 1998 से गठबंधन का विरोधी रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं 1985 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी, तब से लेकर आज तक करीब 39 साल तक मैंने पार्टी की सेवा की है। लेकिन आज जो भी कुछ हो रहा है उसे देखकर काफी दुख है। यही वजह है कि मैंने अब पार्टी से अलग होने का फैसला लिया है।
बता दें कि पप्पू यादव हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही उन्होंने पूर्णिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान भी किया है। जबकि इंडिया गठबंधन में हुए सीट बंटवारे में पूर्णिया की सीट आरजेडी के खाते में चली गई है। आरजेडी ने यहां से बीमा भारती को मैदान में उतारने का फैसला किया है। ऐसे में पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद पूर्णिया की सीट पर संशय की स्थिति बन गई है।