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कोलकाता। संदेशखाली मामले में ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइंडिंग टीम को पुलिस ने साउथ 24 परगना में गिरफ्तार कर लिया। टीम के एक सदस्य नरसिम्हा रेड्डी ने बताया कि हम यहां बैठे थे, पर इन्हें इससे भी परेशानी है। अब हम गवर्नर से मिलेंगे और उन्हें अपनी स्थिति बताएंगे।
इसके बाद हम दिल्ली में गृह मंत्रालय में अपनी बात रखेंगे। भांगर डिविजन के डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि हम टीम के लोगों से रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि आप यहां से आगे मत बढ़िए पर वे पुलिस बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, जिसके कारण पुलिस और महिला डेलिगेशन के बीच जोरदार बहस हो गई।
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इसलिए हमें उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। अगर शांति भंग की कोशिश की जाती है तो पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार है।
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कालिंदी नदी के किनारे बने बांध पर एक स्थानीय महिला ने कहा- माफ कीजिए, हम बात नहीं कर सकते। शुरू में जिन्होंने बेखौफ आवाज उठाई, अब उन पर हमले हो रहे है और चुप रहने की धमकियां मिल रहीं।
महिलाओं से गैंगरेप और उत्पीड़न की शिकायतों के चलते संदेशखाली सुर्खियों में है। जो महिलाएं पहले आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ खुलकर बोल रही थीं, वो अब चुप हैं। महिलाएं चेहरा ढककर प्रदर्शन करती मिलीं, लेकिन न नारेबाजी, न बहस। एक महिला से शांति की वजह पूछी तो उन्होंने कहा- आरोपी तो जेल से छूट जाएंगे, लेकिन हमें कौन बचाएगा। हमले तो अभी से होने लगे हैं। तीन दिन में 3 घटनाएं हो चुकीं है।
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पुलिस मौजूद है, इसलिए शिकायत किससे करें? गांव में किसी ने नहीं बताया कि गैंगरेप की शिकार महिलाएं कौन हैं और कहां हैं? जिन दो महिलाओं ने पहले शिकायत की, उन्हें लापता बता रहे हैं। शनिवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि दो महिलाओं से दुष्कर्म हुआ था। एक की शिकायत मैंने दर्ज कराई। दूसरी पीड़िता पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
यौन उत्पीड़न का मुख्य केंद्र संदेशखाली का ब्लॉक-2 है। पुलिस प्रशासन को 18 फरवरी से अब तक यहां 1250 शिकायतें मिली हैं। इनमें 400 जमीन हड़पने की हैं। शनिवार को पुलिस कैंप में जमीन कब्जे की 73 शिकायतें मिली। वहीं, अनुसूचित जनजाति आयोग को आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की 50 शिकायतें मिली हैं।
आयोग जांच कर केस दर्ज करेगा। आरोपी शाहजहां संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था फिर सब्जी भी बेची। फिर ईंट-भट्टे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा।
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सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में वो तृणमूल के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी में जुड़ गया। जिस राशन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय शाहजहां को खोज रहा है, उसी केस में मल्लिक जेल में हैं। गांव वालों ने बताया कि शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन है। वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है।
एक महिला ने बताया कि हाजरा के लोग रात के दो बजे बुलाने आते थे। कहते थे कि दादा (शिबू हाजरा) बुला रहे हैं। उनका आदेश मतलब भगवान का आदेश। मैं रात के दो बजे जाती थी और सुबह 5 बजे आती थी। मैं दुकान चलाती हूं। उनके बुलाने पर नहीं जाती तो मेरी दुकान तोड़ देते।
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संदेशखाली मामले की जांच के लिए नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) की एक विशेष टीम भी गुरुवार को संदेशखाली का दौरा करेगी। NHRC ने भी चीफ सेक्रेटरी और DGP को नोटिस जारी कर आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
संदेशखाली में TMC नेता शेख शाहजहां और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वे महिलाओं का गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा और उत्तम सरदार समेत 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वही शाहजहां अब तक फरार है।
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शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर रेड की थी। तब शाहजहां के 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। तभी से शाहजहां शेख फरार है। हालांकि संदेशखाली के लोगों का कहना है कि वो कहीं नहीं गया, यही हैं।
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न मामले में CM ममता बनर्जी ने गुरुवार (15 फरवरी) को विधानसभा में अपनी बात रखी। ममता ने कहा कि संदेशखाली में तनाव पैदा करने की भयानक साजिश चल रही है। संदेशखाली RSS का गढ़ है। वहां 7-8 साल पहले भी दंगे हुए थे। यह संवेदनशील स्थलों में से एक है।