BPSC Students Protest
पटना। छात्र युवा शक्ति ने 70वीं बीपीएससी के री-एग्जाम की मांग को लेकर 3 जनवरी को बिहार में सभी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH), राज्य राजमार्ग (SH) और रेल ट्रैक जाम करने का ऐलान किया है। सांसद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर इस आंदोलन की जानकारी देते हुए बताया है कि आज शुक्रवार को रेल चक्का और एनएच जाम करेंगे। इसकी शुरुआत सचिवालय हॉल्ट से होगी। पप्पू यादव का कहना है कि यह आंदोलन छात्रों के हित में किया जा रहा है, जिन्होंने परीक्षा में हुई अनियमितताओं को लेकर कई दिनों से संघर्ष किया है।
read more – Raipur Mowa over bridge : आज से 8 8 जनवरी तक बंद रहेगा शहर मोवा ओवरब्रिज, नए सिरे से होगा डामरीकरण का काम
छात्र और युवा संगठन इस परीक्षा के आयोजन में सुधार की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने प्रदेश भर में प्रदर्शन करने की योजना बनाई गयी है। बता दें कि इसको लेकर छात्र युवा शक्ति बिहार ने गुरुवार की देर शाम बैठक की है। सीपीएम राज्य कमेटी सदस्य सह डीवाईएफआई के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी ने बीपीएससी पी टी परीक्षा रद्द करने के मांग पर आयोजित तीन जनवरी को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन में राज्य के छात्र युवा से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। छात्र युवा संगठनों का प्रदर्शन भगत सिंह चौक, गांधी मैदान पटना से निकलेगा।
16 दिनों से पटना में धरने पर बैठे हैं छात्र
बिहार में 70वीं बीपीएससी PT परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र पिछले 16 दिनों से पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं और परीक्षा को रद्द कर फिर से एक नई परीक्षा ली जानी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि केवल बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि पूरे बिहार की परीक्षा को रद्द करना जरूरी है।
BPSC Students Protest
जानिए क्या है पूरा मामला
बीपीएससी द्वारा राज्यभर के 900 से अधिक केंद्रों पर आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में करीब पांच लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पटना के एक परीक्षा केंद्र पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र “लीक” होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया। बीपीएससी ने इसका खंडन करते हुए इसे परीक्षा को रद्द करवाने की एक “साजिश” बताया था,
लेकिन उसने बाद में पटना के बापू परीक्षा केंद्र में इम्तिहान में शामिल हुए 10,000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा का आदेश भी दे दिया था। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि कुछ अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा कराना समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ होगा और इसलिए पूरी परीक्षा रद्द कर दी जानी चाहिए और नए सिरे से आयोजित की जानी चाहिए।