BJP Notice to BJP Leader
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा नगर निगम सभापति चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की हार और बागी उम्मीदवार की जीत के बाद बीजेपी ने उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन से जवाब तलब किया है।
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दरअसल, कोरबा नगर निगम सभापति पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को पार्टी के ही बागी उम्मीदवार नूतन सिंह ठाकुर ने हरा दिया। इस अप्रत्याशित नतीजे के बाद बीजेपी नेतृत्व ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और मंत्री लखनलाल देवांगन से इस पूरे घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण मांगा है।
BJP Notice to BJP Leader
पार्टी में असंतोष और अनुशासनहीनता पर सख्त रुख
बीजेपी आलाकमान इस तरह की अनुशासनहीनता को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहा है। वहीं पार्टी के निर्देश के बावजूद बागी उम्मीदवार का चुनाव जीतना नेतृत्व के लिए एक चुनौती बन गया है। इस मामले में पार्टी यह समझने का प्रयास कर रही है कि आखिरकार पार्टी प्रत्याशी की हार की वजह क्या रही और क्या इसके पीछे कोई अंदरूनी असंतोष था।
बीजेपी इस घटनाक्रम को अनुशासनात्मक दृष्टि से देख रही है और संगठन में आंतरिक एकता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है। कोरबा नगर निगम चुनाव में जो स्थिति बनी,
उससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी को अपने भीतर के असंतोष और गुटबाजी को दूर करने के लिए रणनीतिक प्रयास करने होंगे। ऐसे में अब ये देखना होगा कि पार्टी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और मंत्री लखनलाल देवांगन के जवाब के आधार पर क्या निर्णय लिया जाता है।
BJP Notice to BJP Leader
नूतन ठाकुर ने की थी बगावत
दरअसल, नगर निगम चुनाव में बीजेपी को बहुमत मिला था और पार्टी ने हितानंद अग्रवाल को सभापति पद के लिए अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन इस फैसले से असंतुष्ट नूतन ठाकुर ने बगावत कर नामांकन दाखिल कर दिया। नतीजा चौंकाने वाला रहा। जहां बीजेपी के 45 पार्षदों की मौजूदगी के बावजूद हितानंद अग्रवाल को सिर्फ 18 वोट मिले, वहीं नूतन ठाकुर ने 33 वोट हासिल कर बड़ी जीत दर्ज की।
बगावत की सजा—पार्टी से निष्कासन
नूतन ठाकुर की इस बगावत को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना और कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें 6 साल के लिए बीजेपी से निष्कासित कर दिया। इस घटनाक्रम ने पार्टी के अंदर गहरे मतभेद को उजागर कर दिया।
बीजेपी के इस सख्त फैसले के बाद कोरबा नगर निगम में सत्ता समीकरण दिलचस्प हो गया है। अब यह देखना होगा कि आगे की राजनीतिक चालें किस ओर जाती हैं और नूतन ठाकुर की इस जीत का असर बीजेपी की स्थानीय और प्रदेश स्तर की राजनीति पर कितना पड़ता है।
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