Bilaspur Namaz Controversy
बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU) में एनएसएस कैंप के दौरान एक विवादित घटना सामने आई, जब 30 मार्च को ईद के मौके पर हिंदू छात्रों से जबरदस्ती नमाज पढ़वाने का आरोप लगा। इस घटना के बाद, विश्वविद्यालय में छात्रों और हिंदू संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा, और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और यहां तक कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को हटाने की भी मांग की। छात्र संघ के कार्यकर्ता और स्थानीय हिंदू संगठन के लोग विश्वविद्यालय परिसर में इकट्ठा हुए और प्रशासनिक भवन के गेट पर चढ़कर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने “GGU नहीं बनेगा JNU” जैसे विरोधात्मक नारे लगाए, जो इस मुद्दे को और तूल दे रहे थे।
Bilaspur Namaz Controversy
आपको बता दें कि यह घटना 26 मार्च से 1 अप्रैल तक चल रहे एनएसएस कैंप के दौरान हुई थी, जिसमें कुल 159 छात्र शामिल थे, जिनमें से केवल 4 मुस्लिम छात्र थे। 30 मार्च को, ईद के दिन, हिंदू छात्रों से जबरदस्ती नमाज पढ़ाई गई, जो उन्हें बिल्कुल भी स्वीकार नहीं था। छात्रों ने इसकी लिखित शिकायत स्थानीय थाने में की, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस विवाद के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने तात्कालिक कदम उठाते हुए प्रोफेसर दिलीप झा को एनएसएस समन्वयक पद से हटा दिया और उनकी जगह प्रोफेसर राजेन्द्र कुमार मेहता को नियुक्त किया गया। इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि वे जल्द ही मामले की पूरी जांच करेंगे और दोषियों को सजा दिलवाएंगे।
यह घटना अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है, और छात्र संगठनों द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है।
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