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Bilaspur High Court : बिन बिहाई मां बच्चे ने अपने अधिकारों के लिए लड़ी 29 साल की लंबी लड़ाई, हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला…. जानिए क्या है मामला

Bilaspur High Court

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए एक बिना विवाह के जन्में बच्चे को 29 साल के बाद उसका कानूनी अधिकार दिलाया हैं। कोर्ट ने बच्चे को वैध पुत्र मानते हुए उसके जैविक पिता से सभी कानूनी लाभ प्राप्त करने का अधिकार बताया हैं। हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के फैसले को कानून के अनुकूल ना मानते हुए इसे खारिज कर दिया।

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दरअसल, सूरजपुर जिले के रहने वाले एक युवक ने अपने जैविक पिता से भरण पोषण और सम्पत्ति में हक पाने के लिए परिवार न्यायालय में अपील की थी, लेकिन न्यायालय ने इसको खारिज कर दिया। इसके बाद युवक अपने हक के लिए बिलासपुर के हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई।

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मिली जानकारी के अनुसार, युवक की मां और उसके जैविक पिता दोनों आस-पड़ोस में रहते थे। फिर दोनों का बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। इस प्रेम प्रसंग में मां गर्भवती हो गई। इस दौरान जैविक पिता ने उसे गर्भपात कराने की सलाह दी, लेकिन मां ने गर्भपात के लिए मना करते हुए अपने प्रेमी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और उसने 1995 में एक बेटे को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्चा अपनी मां के साथ रहा।

परिवार न्यायालय ने अपील की खारिज
मां ने अपने और बच्चे के भरण पोषण के लिए परिवार न्यायालय में अपील की, लेकिन परिवार न्यायालय ने संपत्ति के अधिकारों की घोषणा वैवाहिक पक्ष के दायरे में न होने के कारण इस अपील को खारिज कर दी. इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की. लेकिन कुछ समय के बाद युवक बीमार पड़ गया। और अपने इलाज के लिए अपने पिता से पैसों की मांग की लेकिन उसके पिता ने मदद करने से इंकार कर दिया।

Bilaspur High Court

हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
इसके बाद युवक ने अपने अधिकार के लिए परिवार न्यायालय में सम्पत्ति के अधिकार का दावा पेश करते हुए अपील की, लेकिन इसको भी परिवार न्यायालय ने खारिज कर दिया। फिर युवक ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई। जहां जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस रजनी दुबे की बेच ने युवक के हक में फैसला सुनाते हुए परिवार न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया।

29 साल के बाद मिला अधिकार
हाईकोर्ट ने युवक को अपने जैविक पिता का वैध पुत्र घोषित किया। और अपने पिता की संपत्ति में हकदार बनाते हुए कहा कि उनसे मिलने वाले सभी लाभों में उनका समान अधिकार रहेगा। फिलहाल युवक का जन्म 1995 में हुआ था, तो वर्तमान में उसकी उम्र अभी 29 साल हैं। इस तहत उसने अपने अधिकारों के लिए 29 साल की लंबी लड़ाई लड़ी।

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