Bijapur Naxalites surrender
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभाव क्षेत्र बीजापुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां माओवादियों के पार्टी विलय दिवस के पहले दिन नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। नक्सलियों की खोखली विचारधारा से प्रेसन होकर 11 लाख रुपये ईनाम के 3 नक्सलियों समेत 8 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की है।
इसी के साथ इस वर्ष में अब तक 178 नक्सलियों ने जहां आत्मसमर्पण किया है, वही विभिन्न नक्सल घटनाओं में शामिल 378 नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत सरकार की पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति तथा नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित होकर बीजापुर जिले में आठ नक्सलियों चंदर कुरसम (38), मंगली पोटाम (25), आयतू कोरसा (52), रामू लेकाम (26), महेश यादव (36), सुदरू हेमला (27), हुंगा डोडी (22) और सुरित यादव (39) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया है।
Bijapur Naxalites surrender
नक्सली चंदर, नक्सलियों के प्लाटून नम्बर 12 का कमांडर है तथा उसके सिर पर आठ लाख रुपये का इनाम है। वहीं मंगली पोटाम नेशनल पार्क एरिया कमेटी के अंतर्गत प्लाटून नंबर दो की सदस्य है तथा उसके सिर पर दो लाख रुपये का इनाम है। वहीं आयतू कोरसा जनताना सरकार का अध्यक्ष है तथा उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम है।
वहीं कुरसम पर 2008 में मोदकपाल और तुनकीगुट्टा गांव के करीब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दल पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में 10 जवान शहीद हुए थे, जबकि दो माओवादी मारे गए थे। इसके अलावा यह कई अन्य नक्सली घटनाओं में भी शामिल रहा है।
वहीं अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियों की भेदभाव पूर्ण नीति, उपेक्षा, जीवन शैली और विचारधारा से क्षुब्ध होकर सरेंडर करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के सरेंडर करने पर उन्हें 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। राज्य शासन की पुनर्वास नीति के तहत उनकी मदद की जाएगी।