Bihar Bridge Collapse
मधुबनी। बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में शुक्रवार को एक निर्माणाधीन पुल ढह गया। बिहार में पिछले 11 दिनों में पुल गिरने की यह 5वीं घटना है। शुक्रवार को 77 मीटर लंबे दो खंभों के बीच लंबे गार्डर का हिस्सा ढह गया। जिसके बाद प्रशासन ने लापरवाही को छिपाने के लिए पुल के टूटे हुए हिस्से को प्लास्टिक से ढक दिया।
ताकि लोगों को पुल ढहने के बारे में पता न चल सके। बता दें कि इस पुल का निर्माण बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। इसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत करवाया जा रहा है। इस पुल की अनुमानित लागत करीब 3 करोड़ रुपये है। वहीं इस मामले में ठेकेदार अमरनाथ झा ने बताया कि नदी में जलस्तर बढ़ने से ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि नदी का जलस्तर कम होने के बाद पुल को फिर से बनाया जाएगा।
Bihar Bridge Collapse
बिहार में लगातार हो रहे पुलों के गिरने की घटना के सिलसिले ने बिहार सरकार की लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है। बिहार में पुल निर्माण में लापरवाही और भ्रष्टाचार के चल रहे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरना भी शुरू करने के साथ ही गंभीर सवाल भी उठा रहे हैं।
बता दें कि 18 जून को अररिया में बकरा नदी पर 12 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल ढह गया था। इसके बाद 22 जून को सीवान जिले में गंडक नदी पर बना करीब 40-45 साल पुराना पुल भी गिर गया था। 23 जून को पूर्वी चंपारण में करीब 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा एक निर्माणाधीन पुल ढह गया था।
इसके लिए स्थानीय लोगों ने ठेकेदारों पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। 27 जून को किशनगंज जिले में कंकई और महानंदा नदियों को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बना पुल भी ढह गया था। इसके बाद पुल गिरने की ताजा घटना मधुबनी जिले में घटित हुई है।