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Tuesday, October 14, 2025

Bilaspur-Itwari Express : RPF की सतर्कता से 3.37 करोड़ की तस्करी नाकाम…! सोने-चांदी के ढेर से भरा था बैग

बिलासपुरर, 14 अक्टूबर। Bilaspur-Itwari Express : रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की मंडल टास्क टीम, नागपुर द्वारा 11 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया...

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Big News : विजयादशमी पर आत्मसमर्पण की बड़ी खबर, बीजापुर में 103 नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, मुख्यमंत्री साय ने बताया ऐतिहासिक क्षण

रायपुर, 02 अक्टूबर। Big News : विजयादशमी का पर्व इस वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए केवल धर्म और अधर्म के बीच की पारंपरिक लड़ाई का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि यह हिंसा पर शांति, भ्रम पर विश्वास और आतंक पर विकास की जीत का जीवंत उदाहरण बन गया। बीजापुर जिले में आज 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर इसे छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था और पुनर्वास नीतियों की “ऐतिहासिक विजय” करार दिया। उन्होंने सुरक्षा बलों को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि यह घटना प्रदेश में शांति और समृद्धि की ओर निर्णायक कदम है।

राज्य सरकार की नीतियों से प्रेरित आत्मसमर्पण

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” ने नक्सल प्रभावित लोगों में विश्वास की लौ जलाई है। “पूना मारगेम अभियान” से प्रेरणा लेकर 103 नक्सलियों ने हथियार डाले, जिनमें से 49 पर कुल 1 करोड़ 6 लाख 30 हजार रुपए तक का इनाम घोषित था।

प्रत्येक आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को सरकार की ओर से 50,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसके अलावा, उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक सम्मान के साथ एक नया जीवन शुरू करने का अवसर भी मिलेगा।

अब तक 1890 नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण

राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 1,890 से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि सरकार की रणनीति ज़मीन पर असरदार साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव सिर्फ बीजापुर या बस्तर तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के स्थायी विकास की नींव है।

2026 तक नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का लक्ष्य

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक राज्य को नक्सलवाद मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा, “हम आत्मसमर्पण करने वालों को न केवल माफ़ी दे रहे हैं, बल्कि उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्ज्वल भविष्य दे रहे हैं।”

समाप्ति की ओर बढ़ रहा है लाल आतंक

बीजापुर में हुए इस सामूहिक आत्मसमर्पण को सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासनिक अमले के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि यह घटनाक्रम इलाके में शांति और विकास के नए युग की शुरुआत है।

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