BHARATMALA PROJECT SCAM
रायपुर। भारत सरकार की बहुचर्चित भारतमाला परियोजना में जमीन अधिग्रहण के दौरान हुए भारी घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद छत्तीसगढ़ में भूचाल आ गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीमें इस घोटाले की जांच के तहत राज्यभर में 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई रायपुर, नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग सहित कई जिलों में की जा रही है। इस छापेमारी की जद में राजस्व विभाग के कई बड़े अधिकारी, जैसे कि तात्कालिक SDM निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे, भी आ चुके हैं।
BHARATMALA PROJECT SCAM
क्या है मामला?
भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक लगभग 950 किमी लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है। इस सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया, जिसमें कई किसानों को मुआवजा दिया जाना था। लेकिन प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और रसूखदार लोगों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों की मुआवजा राशि हड़प ली गई।
घोटाले का आंकड़ा चौंकाने वाला
- शुरुआती जांच में ₹43 करोड़ की गड़बड़ी सामने आई थी।
- विस्तृत जांच के बाद घोटाले का आंकड़ा बढ़कर ₹220 करोड़ तक पहुंच गया है।
- अब तक EOW को ₹164 करोड़ से अधिक के संदिग्ध लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड मिल चुके हैं।
BHARATMALA PROJECT SCAM
कौन-कौन है जांच के घेरे में?
- करीब 17 से 20 अधिकारी-कर्मचारी जांच के घेरे में हैं।
- इनमें SDM, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक (RI) शामिल हैं।
- रायपुर में SDM निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के घरों में भी तलाशी ली गई है।
इस मामले में अधिक गिरफ्तारियों और बड़े खुलासों की संभावना है। साथ ही, यह घोटाला आने वाले समय में राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा सकता है। भारतमाला जैसी बड़ी राष्ट्रीय परियोजना में इस स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आना गंभीर चिंता का विषय है।
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