Bharat Ratna Know Interesting Facts And History
नई दिल्ली। ‘भारत रत्न’ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान। आज के दिन से ही भारत रत्न की शुरुआत हुई थी। वक्त था 2 जनवरी 1954। भारत रत्न देने की शुरुआत तब के राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। देश का पहला सर्वोच्च सम्मान भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को दिया गया।
इसी साल ये सम्मान पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और महान वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को भी दिया गया था। यहां एक खास बात बताना जरूरी है कि साल 1954 तक ये सम्मान केवल जीवित रहते हुए ही दिया जाता था, लेकिन अगले ही साल 1955 में इसे दिए जाने के नियम में संशोधन किया गया। जिसके बाद मरणोपरांत भी भारत रत्न दिये जाने का प्रावधान जोड़ा गया।
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अब आपको बताते हैं कि किन लोगों को और कैसे भारत रत्न दिया जाता है। दरअसल भारत-रत्न सम्मान के लिए किसी भी तरह कोई खास नियम नहीं है। इसका सीधा सा गणित देश में आपके कार्यों के योगदान के आधार पर सरकार तय करती है। ये सम्मान सभी व्यक्तियों को जाति, व्यवसाय, पद और लिंग के भेदभाव के बिना दिया जाता है।
सामान्यत: भारत रत्न कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल आदि किसी भी क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है, जिससे देश का गौरव बढ़ा हो. साल 2011 से पहले भारत रत्न का सम्मान सिर्फ कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा क्षेत्र में अतुलनीय योगदान को देखते हुए दिया जाता था, लेकिन 2011 में इसमें संशोधन किया गया. अब इसके लिए कोई क्षेत्र निर्धारित नहीं है.
बात पिछले साल यानी 2024 की करें तो इस साल पांच लोगों को भारत रत्न दिया गया। भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, प्रतिष्ठित भारत रत्न, राजनीति, शासन एवं कृषि में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 5 प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है। इनमें कर्पूरी ठाकुर, मनकोम्बु संबाशिवन (एम.एस) स्वामीनाथन, पामुलपर्थी वेंकट (पी. वी.) नरसिम्हा राव, लाल कृष्ण आडवाणी और चौधरी चरण सिंह है। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है। कुल मिलाकर अब तक 53 हस्तियों को भारत रत्न दिया जा चुका है।
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भारत रत्न पाने वाले सबसे कम उम्र के प्राप्तकर्ता
सचिन तेंदुलकर (आयु 40) भारत रत्न पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं। सचिन तेंदुलकर एक भूतपूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिन्हें “गॉड ऑफ क्रिकेट” के नाम से जाना जाता है। जबकि डीके कर्वे सबसे अधिक उम्र में भारत रत्न से सम्मानित होने वाली शख्सियत थे। उन्हें 100 साल की उम्र में यह सम्मान मिला। तो वहीं सुभाष चंद्र बोस को 1992 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया, लेकिन एक जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मरणोपरांत शब्द वापस लिया गया। क्योंकि उनकी मृत्यु को लेकर विवाद था।
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भारत रत्न से सम्मानित महानुभावों की सूची –
प्रणब मुखर्जी (2019), भूपेन हजारिका (2019), नानाजी देशमुख (2019), मदन मोहन मालवीय (2015), अटल बिहारी वाजपेयी (2015), सचिन तेंदुलकर (2014), सीएनआर राव (2014), पंडित भीमसेन जोशी (2008), लता दीनानाथ मंगेशकर (2001), उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (2001), प्रो अमर्त्य सेन (1999), लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई (1999), लोकनायक जयप्रकाश नारायण (1999), पंडित रविशंकर (1999),
चिदंबरम सुब्रमण्यम (1998), मदुरै शनमुखावदिवु सुब्बुलक्ष्मी (1998), डॉ. अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (1997), अरुणा आसफ अली (1997), गुलजारी लाल नंदा (1997), जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (1992), मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (1992), सत्यजीत रे (1992), मोरारजी रणछोड़जी देसाई (1991), राजीव गांधी (1991), सरदार वल्लभभाई पटेल (1991), डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर (1990), डॉ. नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला (1990), मरुदुर गोपालन रामचंद्रन (1988), खान अब्दुल गफ्फार खान (1987),
आचार्य विनोबा भावे (1983), मदर टेरेसा (1980), कुमारस्वामी कामराज (1976), वराहगिरी वेंकट गिरी (1975), इंदिरा गांधी (1971), लाल बहादुर शास्त्री (1966), डॉ. पांडुरंग वामन केन (1963), डॉ. जाकिर हुसैन (1963), डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1962), डॉ. बिधान चंद्र रॉय (1961), पुरुषोत्तम दास टंडन (1961), डॉ. धोंडे केशव कर्वे (1958), पं गोविंद बल्लभ पंत (1957), डॉ. भगवान दास (1955), जवाहरलाल नेहरू (1955), डॉ. मोक्षगुंडम विवेस्वराय (1955), चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1954), डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन (1954), डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1954)
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अब जानते हैं कि भारत रत्न में क्या मिलता है?
भारत रत्न से सम्मानित लोगों को एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है, लेकिन कोई नकद राशि राशि प्रदान नहीं की जाती। इस सम्मान से सम्मानित व्यक्ति देश के लिए वीआईपी की तरह होता है। देश के इस सर्वोच्च सम्मान को पाने वाले व्यक्ति को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन मरणोपरांत ये सम्मान मिलने पर उनके परिवार को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं?
वहां राज्य अतिथि के तौर पर उनका स्वागत किया जाता है और परिवहन, बोर्डिंग और राज्य में ठहरने की सुविधा दी जाती है. ऐसे व्यक्ति विशेष को अहम सरकारी कार्यकर्मों में शामिल होने का निमंत्रण भारत सरकार की ओर से दिया जाता है। नियमानुसार विस्तारित सुरक्षा मिलती है और सरकार उन्हें वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है।
भारत रत्न के लिए चुनने की प्रक्रिया
भारत रत्न सम्मान के लिए चुने जाने की प्रक्रिया पद्म पुरस्कारों से अलग होती है। भारत रत्न पुरस्कार किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के अधीन नहीं है। इसमें देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर सकते हैं। इसके अलावा, मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को सिफारिशें भेज सकते हैं। इन सिफारिशों पर विचार किया जाता है और अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद इस पुरस्कार के लिए नाम फाइनल होता है।
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भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति के लिए नियम
भारत रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले अपने नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में ‘भारत रत्न’ का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसे पाने वाले अपने बायोडेटा, लेटरहेड या विज़िटिंग कार्ड जैसी जगहों पर ये लिख सकते हैं- ‘राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित’ या ‘भारत रत्न प्राप्तकर्ता’।
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