Bemetara Factory Blast
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के बेरला तहसील के बोरसी-पिरदा में हुए ब्लास्ट में हादसे में लापता 8 मजदूरों का अब भी सुराग नहीं मिल सका है। हादसे के बाद से अब तक डेली हाजिरी रजिस्टर भी प्रशासन के हाथ नहीं लगा है। हालांकि, फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से लापता परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है।
लेकिन इन सब के बीच एक सवाल बना हुआ है, कि बेमेतरा जिले के बोरसी पिरदा में हुए ब्लास्ट के जिम्मेदार आखिर कौन है? क्यों अब तक जिला प्रशासन लापता लोगों को पता नहीं लगा पाई? सिर्फ परिजन के अनुसार जिला प्रशासन कैसे लापता लोगों के नाम की घोषणा कर सकती है?
तो वहीं हादसे के 72 घंटे बाद भी अब तक इस पूरे मामले में किसी भी जिम्मेदार पर एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। आखिर ऐसा क्यों? ये सवाल बना हुआ है। हाजिरी रजिस्टर नहीं मिलने से हादसे के दौरान पीईटीएन (पेनेटरीट्रीटोल टेट्रानाइट्रेट) प्लांट में कितने कर्मचारी मौजूद थे, इसका भी अब तक सिर्फ अनुमान ही लगाया जा रहा है। प्रशासनिक अमला सिर्फ अपने स्वजन की तलाश में आए लोगों से चर्चा कर आठ लोगों के लापता होने का दावा कर रहा है।
Bemetara Factory Blast
बेमेतरा जिले के पिरदा गांव स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में हुए धमाके को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया x पर पोस्ट करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बेमेतरा ब्लास्ट, किसकी गारंटी और किसके सुशासन में गुनहगारों को संरक्षण दिया जा रहा है। सत्ता के किस करीबी को बचाने का प्रयास? जवाब तो देना होगा।
आप को बता दें कि ब्लास्ट हादसे को हुए 2 दिन से ज्यादा दिन बीत चुके हैं, इसके बावजूद अब तक लापता लोगों की संख्या स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर ही भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार से 5 सवालों का जवाब मांगा है। प्रशासन केवल 8 मजदूरों के लापता होने की बात कह रहा है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि संख्या इससे कहीं ज्यादा है।
Bemetara Factory Blast
पूर्व सीएम भूपेश ने सरकार से पूछे ये 5 सवाल
- 48 घंटे बाद भी घटना की अब तक FIR क्यों नहीं?
- क्या प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन से पूछा है कि घटना वाले दिन कितने मजदूर वहां काम पर गए थे?
- अब तक कितने मजदूर लापता हैं क्योंकि प्रशासन के 8 लोगों के दावे को तो ग्रामीण नकार रहे हैं।
- क्षमता से अधिक रखी विस्फोटक सामग्री को क्यों निकाला जा रहा है? जांच में विस्फोटक सामग्री की क्या मात्रा दर्ज की जाएगी?
- प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को जो मुआवज़ा देने की घोषणा की है उसे तो लेने से ग्रामीणों ने इनकार कर दिया है। क्या प्रशासन मुआवजा बढ़ाएगा?
हादसे के बाद घटनास्थल पहुंचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने विभागीय अधिकारियों को मामले में दंडाधिकारी जांच कराने की बात कही थी और अधिकारी इस जांच के बाद ही किसी भी तरह की FIR दर्ज करने की बात कह रहे हैं। लेकिन दंडाधिकारी जांच के अधिकारी कौन रहेंगे? वे कब तक रिपोर्ट सबमिट करेंगे? इस सवाल का जवाब विभागीय अधिकारियों के पास नहीं है।
दिल्ली में 25 मई शनिवार की रात एक निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद अस्पताल संचालक को 12 घंटे की अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इधर बेमेतरा में हुए हादसे पर अफसरों का कहना है कि दिल्ली और बेमेतरा में अंतर है। बहरहाल रेस्क्यू के बाद मलबे में मिले शवों के चिथड़ों को डीएनए जांच के लिए रायपुर के मेडिकल कालेज भेजा गया है, जहां से इन्हें जांच के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा।