Bastar Naxal victims
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से नक्सली हिंसा के कई पीड़ितों ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए 70 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल के तहत, अपनी पीड़ा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा।
राष्ट्रपति ने पीड़ितों से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा करते हुए स्वयं यह जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी उद्देश्य हिंसा के रास्ते पर चलने को उचित नहीं ठहरा सकता, क्योंकि यह समाज के लिए बहुत महंगा साबित होता है। यही लोकतंत्र का रास्ता है, और यही रास्ता महात्मा गांधी ने हमें दिखाया था। हिंसा से त्रस्त इस दुनिया में हमें शांति के रास्ते पर चलने का प्रयास करना चाहिए।
Bastar Naxal victims
बस्तर से आए इस दल में ऐसे कई सदस्य हैं, जो आईडी ब्लास्ट में दिव्यांग हो चुके हैं। जिसमे कोई अपना एक हाथ तो कोई एक पैर और कोई आंखों की रोशनी खो चुका है। नक्सल हिंसा से पीड़ित दल के लोग तीन दिन से दिल्ली में अलग-अलग जगह पर जाकर अपना दर्द साझा किए हैं। वहीं, जंतर-मंतर के धरना स्थल पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए थे। बस्तर का ये दल कांस्टीट्यूशन क्लब और जेएनयू भी पहुंचा था।
नक्सली आतंक से परेशान हैं बस्तरवासी
नक्सली आतंक से परेशान हैं बस्तर के वनवासी पीड़ितों का कहना है कि नक्सलियों ने उनके जीवन को नर्क बना दिया है और वे लंबे समय से आतंक के साए में जी रहे हैं। नक्सलियों द्वारा किए गए अत्याचारों से तंग आकर उन्होंने दिल्ली आकर अपनी आवाज उठाने का निर्णय लिया।