Bangladesh Violence
बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन पिछले एक माह से लगातार जारी है। इस बीच बांग्लादेश सरकार ने रविवार 4 अगस्त, 2024 शाम छह बजे से पूरे बांग्लादेश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। कर्फ्यू के दौरान फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, मोबाइल इंटरनेट को बंद किया जाएगा।
खबरों के मुताबिक बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को भीषण हिंसा में 14 पुलिसकर्मियों सहित लगभग 100 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। जिसके बाद शेख हसीना सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है।
Bangladesh Violence
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों से खास अपील की है। भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी गई है। इसके साथ ही वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा गया है।
भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फोन नंबरों के जरिए संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। इसके लिए बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग ने फोन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर +8801958383679, +8801958383680, +8801937400591 हैं।
बांग्लादेश में अगले 3 दिनों के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी ढाका में दुकानों और बैंकों को बंद करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बांग्लादेश के अलग अलग हिस्सों में हजारों लोग जुटे और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करने लगे। बताया गया है कि शेख हसीना ने अपने निजी आवास गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई।
Bangladesh Violence
इस दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग प्रदर्शन के नाम पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वे छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं। बैठक में थल सेना, नौसेना, वायुसेना, पुलिस और सुरक्षा से जुड़े उच्च अधिकारी मौजूद रहे। बता दे कि बांग्लादेश में छात्र संगठन सरकारी नौकरियों में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं। यहां के लोग सरकारी नौकरियों में कोटा समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले महीने से आंदोलन कर रहे हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हैं। छात्रों के प्रदर्शन ने अब हिंसा का रूप ले लिया है। बांग्लादेश की सरकार ने 2018 में अलग-अलग कैटेगरी को मिलने वाला 56% आरक्षण खत्म कर दिया था, लेकिन इस साल 5 जून को वहां के हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए दोबारा आरक्षण लागू कर दिया था। इसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जिसमे लगभग 200 से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी।