Badrinath Dham Door Closing
बदरीनाथ धाम। आज 17 नवंबर यानी रविवार को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले भगवान बदरीनाथ का फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। वहीं, रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी की सखी बनकर उन्हें बदरीनाथ के गर्भगृह में विराजमान करेंगे।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया भी अनूठी है। भगवान बदरीनाथ का छह माह तक आभूषणों से शृंगार किया जाता है, लेकिन कपाट बंद होने के दिन फूलों से शृंगार किया जाता है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त पर चार बजे मंदिर खुलेगा।
Badrinath Dham Door Closing
पूर्व की भांति साढ़े चार बजे अभिषेक पूजा होगी और दिन का भोग पूर्व की भांति लगेगा। इसके साथ ही चारधाम यात्रा समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही आज के दिन ही तुंगनाथ धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) से मिली जानकारी के मुताबिक बदरीनाथ धाम हर साल महज 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खुलता है। इसके कपाट अप्रैल-मई के महीने में खुलते हैं और नवंबर के तीसरे सप्ताह में सर्दियों के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
इस तरह यह मंदिर प्रत्येक वर्ष 6 महीने के लिए बंद हो जाता है। इस दौरान बदरी विशाल की डोली को नीचे जोशीमठ ले जाया जाता है, जहां पर नरसिंह मंदिर में उनकी पूजा सर्दियों में भी जारी रहती है।