spot_img
Saturday, June 28, 2025

Chhattisgarh Poet Surendra Dubey Passed Away पद्म श्री सम्मानित जाने माने कवि सुरेन्द्र दुबे का हार्ट अटैक से निधन, सुनाते थे अपनी ही...

Chhattisgarh Poet Surendra Dubey Passed Away रायपुर। पद्मश्री हास्य कवि सुरेन्द्र दुबे का गुरुवार 26 जून 2025 को निधन हो गया है। उन्होंने ACI में...

Latest Posts

Automatic Kalashnikov-47 : मौत का दूसरा नाम है AK, आइये जानते है रूस के सबसे घातक हथियार Ak-47 के बारे में…….

Automatic Kalashnikov-47

रायपुर। जब भी दुनिया में घातक बंदूकों का नाम आता है तो उसमें AK-47 का नाम सबसे पहले आता है। एके-47 में ए का मतलब है ऑटोमेट और के का आशय है इसके निर्माता का नाम कलाश्निकोव यानी ऑटोमेटिक कलाश्निकोव। AK-47 दुनिया के हर कोने में इस्तेमाल की वाली सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है।

read more – Auraiya Road Accident : औरैया में दर्दनाक सड़क हादसा, तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर खाई में गिरी, 3 लोगो की मौत

इस बंदूक का इस्तेमाल कई देशों में सेना और पुलिस के साथ-साथ आतंकवादी भी इसका जमकर इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि बंदूकों की तस्करी के मामले में इस असॉल्ट राइफल का पहला नंबर है। बता दें कि AK सीरीज के ही कई अपडेट सामने आ चुके हैं। इसके अलावा भी दुनिया में कई तरह की आधुनिक असॉल्ट राइफल तैयार की जा चुकी हैं। फिर सेना, भी पुलिस, अपराधियों और आतंकियों के बीच AK-47 का कल्ट अभी तक क्यों कायम है?

Automatic Kalashnikov-47

आप को यह जानकर काफी हैरानी होगी कि आज दुनिया में सबसे खतरनाक माने जाने वाले हथियार AK-47 का जनक एक कवि था। वह हथियार जिसने अपने निर्माण से लेकर आज तक शायद एटम बम से भी ज्यादा लोगो कि जानें ली हैं। आज दुनिया भर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली एके-47 रायफल को बनाने वाले थे रूसी इंजीनियर मिखाइल टिमोफेयविच कलाश्निकोव ने 1947 किया था। इसका पहला मिलिट्री ट्रॉयल 1947 में किया गया था।

जिसके बाद इसको सोवियत की सेना में शामिल कर लिया गया। मिखाइल की इस बंदूक को पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया गया। आप को ये भी जानकर हैरानी होगी कि AK-47 का आविष्कार करने वाले Mikhail ने कभी इससे पैसा नहीं कमाया। वहीं 1947 से अब तक कई वर्जन आ चुके हैं। जिनमें AKM (1959), AK-74 (1974), AK-74M (1991), AK-101, AK-102 (1995), AK-103, AK-104 (2001), AK-105 (2001), AK-12 (2011), AK-200, AK-205 (2018) जैसी आधुनिक बंदूकें शामिल हैं।

Automatic Kalashnikov-47

इस राइफल का वजन केवल 4 किलो है, इससे एक मिनट में लगभग 600 राउंड किए जा सकते हैं, यानि 1 सेकंड में 10 गोली। AK47 में एक बार में 30 गोलियां भर सकते हैं। ये इतनी पावरफुल है कि यह कुछ दीवारों, यहां तक की कार के धातु के दरवाजे को भी भेद कर उसके पीछे बैठे इंसान को मार सकती है। बदूंक की नली से गोली छूटने की रफ्तार 710 प्रति सेकंड है। यह केवल 8 पुर्जों से मिलकर बनी होती है और इन्हें केवल 1 मिनट में जोड़ा जा सकता है।

इसकी रेंज करीब 800 मीटर की होती है। कहा जाता है कि एके 47 उतनी दूर तक निशाना लगा सकती है जितनी दूर तक आपको दिखाई दे। आप को बता दें कि दुनिया भर में कई चर्चित शख्सियतों की भी मौत का कलंक इसी हथियार के हिस्से आया। 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में इसी हथियार से इजरायली टीम के 11 खिलाड़ियों का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया और 50 साल बाद भारत में चर्चित पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या भी इसी हथियार से की गई।

वहीं रुस समेत दुनिया के 30 अन्य देशों को भी इसे बनाने का लाइसेंस प्राप्त है। जिसमें भारत, चीन, इजराइल, मिस्त्र, नाइजीरिया आदि देशों के नाम शामिल हैं। इनमें चाइना सबसे ज्यादा AK-47 बनाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले हथियार के रूप में AK-47 का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हैं।

read more – Rail Neer Drinking Water : रेल नीर की सप्लाई का सिस्टम ठप, बिलासपुर प्लांट को कुछ महीनों के लिए किया गया बंद, IRCTC के पास नहीं कोई सुचना

 

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.