Assisted Dying Bill
ब्रिटिश सांसदों ने शुक्रवार (29 नवंबर, 2024) को इंग्लैंड और वेल्स में गंभीर रूप से बीमार वयस्कों को अपना जीवन समाप्त करने में मदद करने के प्रस्ताव पर ऐतिहासिक बहस हुयी थी। बता दें कि इस विधेयक को प्रारंभिक मंजूरी भी मिल गई है। जिसे अब मंजूरी के लिए ऊपरी सदन ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ में भेजा जाएगा।
संसद के काफी बहस के बाद, संसद के सदस्यों ने तथाकथित सहायता प्राप्त मृत्यु विधेयक को 330 से 275 मतों से मंजूरी दे दी है। इस बिल के मुताबिक, गंभीर रूप से बीमार बुजुर्गों को अपना जीवन को खत्म करने में सहायता मिलेगी। इससे पहले 2015 में यह विधेयक संसद में लाया गया था, लेकिन यह उस समय यह बिल पास नहीं हो पाया था।
यह मतदान कई घंटों की बहस के बाद हुआ – जो कई बार भावनात्मक भी रही। इसमें नैतिकता, दुख, कानून, आस्था, अपराध और धन के मुद्दे शामिल थे। इस मुद्दे से जुड़े दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग संसद के बाहर इकट्ठा हुए। वही इस बिल का विरोध करने वाले लोगों ने कहा कि कई लोग इसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं। बिल की मदद से लोगों पर मरने का दबाव डाला जा सकता है। हालांकि इस बिल का अभी उच्च सदन में पास होने की प्रक्रिया बचा बाकी है।
क्या है ‘अस्सिटेट डाइंग’ (इच्छामृत्यु )?
इस बिल को इसको ‘अस्सिटेट डाइंग’ नाम दिया गया है। जिसका मतलब है कि किसी सहयता से मृत्यु को प्राप्त करना। इसे आत्महत्या की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। ब्रिटेन ही नहीं दुनिया के हर समाज में इंसान को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। यूरोप के कई देशों में ‘अस्सिटेट डाइंग’ का प्रावधान है।
इसमें कनाडा, न्यूजीलैंड और अमेरिका के 10 राज्य शामिल हैं। ऐसी किसी परिस्थिति में फंसे लोग मौत को गले लगाने के लिए उन देशों में चले जाते हैं। इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले 1967 के अबॉर्शन कानून का उदाहरण देते हैं। ब्रिटेन में करीब पांच दशक पहले अबॉर्शन को कानूनी मान्यता दे दी गई थी। वहां 1969 में फांसी की सजा का प्रावधान भी खत्म कर दिया गया था।
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