
सतना, 28 जुलाई। Annual Income Certificate : मध्य प्रदेश के सतना जिले से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले की कोठी तहसील के नयागांव निवासी किसान रामस्वरूप (45) को जारी एक आय प्रमाण पत्र में उनकी सालाना आय सिर्फ 3 रुपये दर्ज की गई, जिससे उन्हें इंटरनेट पर ‘भारत का सबसे गरीब व्यक्ति’ करार दिया गया।
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25 पैसे प्रति माह की कमाई का दावा
Annual Income Certificate : 22 जुलाई को तहसीलदार सौरभ द्विवेदी के हस्ताक्षर से जारी इस प्रमाण पत्र में रामस्वरूप की मासिक आय 25 पैसे बताई गई थी। सोशल मीडिया पर यह प्रमाण पत्र वायरल होते ही लोगों ने सरकार और सिस्टम पर जमकर निशाना साधा। ट्विटर (अब X) पर इसे हजारों बार शेयर किया गया और मीम्स की बाढ़ आ गई।
प्रशासन की सफाई ‘लिपिकीय त्रुटि’
Annual Income Certificate : जैसे ही मामला सुर्खियों में आया, जिला प्रशासन हरकत में आया। तहसीलदार सौरभ द्विवेदी ने सफाई देते हुए कहा, “यह एक लिपिकीय त्रुटि थी, जिसे सुधार लिया गया है। नया आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।” 25 जुलाई को रामस्वरूप को नया प्रमाण पत्र दिया गया, जिसमें उनकी वार्षिक आय 30,000 रुपये (अर्थात 2,500 रुपये प्रति माह) दर्ज की गई।

कांग्रेस का हमला
Annual Income Certificate : इस मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी सरकार पर जोरदार हमला बोला। पार्टी ने मूल प्रमाण पत्र की तस्वीर ट्विटर (X) पर साझा करते हुए लिखा: “मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के शासन में, हमें भारत का सबसे गरीब आदमी मिला! वार्षिक आय: मात्र 3 रुपये!” कांग्रेस ने कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया, “क्या यह चौंकाने वाला नहीं है? लोगों को गरीब बनाने का मिशन? क्योंकि अब कुर्सी खुद कमीशन खा रही है।”
Annual Income Certificate : बहरहाल,इस घटना ने एक बार फिर सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता (Annual Income Certificate) और प्रशासनिक दक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी त्रुटियाँ केवल ‘टाइपो’ नहीं, बल्कि गहरी लापरवाही और निरीक्षण की कमी का नतीजा होती हैं।
