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रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवानगर में फर्श पर प्रसव की घटना के बाद सरकार सख्त हो गई है। अब अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी और निजी अस्पतालों में फोटो और वीडियो बनाने पर सख्ती से रोक लगाने को कहा है। उन्होंने कहा कि, ऐसी घटनाओं से न सिर्फ अस्पताल की छवि खराब होती है, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों की निजता का भी भंग होती है।
बता दे कि इस संवेदनशील मुद्दे को उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान में लिए जाने के बाद राज्य सरकार की ओर से दो आदेश जारी किए गए हैं। सरकार ने शासकीय अस्पतालों में उपचार करा रहे व्यक्तियों की शासकीय अथवा गैर शासकीय व्यक्तियों के द्वारा इस प्रकार फोटोग्राफी,विडियोग्राफी नहीं करने के आदेश जारी किए हैं जिससे मरीज की निजता भंग होती हो। इस आदेश का सख्ती से पालन कराने के निर्देश हैं। इसी प्रकार संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान तथा प्रसव पश्चात प्रबंधन हेतु तय मानकों का पालन करने निर्देशित किया गया है।
दरअसल दरिमा के नवानगर ग्राम पंचायत की 25 वर्षीय गर्भवती को जब प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो मितानिन उसे शनिवार सुबह 9 बजे नवानगर उपस्वास्थ्य केंद्र ले गई। उस समय अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर थे और न नर्स। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर मितानिन ने प्रसूता को जमीन पर लिटा दिया। परिजन और मितानिन ने कई बार डॉक्टर-नर्स को फोन लगाया, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में मितानिन ने फर्श पर महिला का असुरक्षित ढंग से प्रसव कराया।