Aman Sahu Encounter
रायपुर। झारखंड और छत्तीसगढ़ के कारोबारियों में दहशत फैलाने वाला कुख्यात गैंगस्टर अमन साव उर्फ अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। पुलिस उसे रायपुर जेल से रांची ले जा रही थी, तभी पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
हादसे का फायदा उठाकर अमन साव ने एसटीएफ जवान से हथियार छीनने की कोशिश की और भागने लगा। पुलिस ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और उसे ढेर कर दिया।
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कैसे बना अमन साव गैंगस्टर?
अमन साव झारखंड और छत्तीसगढ़ में रंगदारी, अपहरण, हत्या और फायरिंग जैसी संगीन वारदातों में शामिल था। उस पर 50 से ज्यादा केस दर्ज थे। वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी जुड़ा हुआ था और बड़े कारोबारियों से वसूली करता था। रायपुर के नामी बिल्डर प्रह्लाद राय अग्रवाल पर हमले के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर रायपुर जेल भेजा था।
Aman Sahu Encounter
रांची फायरिंग से खुली पोल
7 मार्च को रांची के बरियातू में कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा की कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं। इस हमले में कारोबारी और उसके ड्राइवर को गोली लगी थी। जांच में खुलासा हुआ कि इस हमले के पीछे अमन साव का हाथ था। इसी केस की पूछताछ के लिए झारखंड पुलिस रायपुर जेल से उसे लेने आई थी।
एनकाउंटर की पूरी कहानी
- पुलिस वाहन पलटा: पलामू के पास पुलिस वाहन हादसे का शिकार हो गया।
- अमन साव की भागने की कोशिश: वह जवानों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश करने लगा।
- पुलिस का जवाबी हमला: जवानों ने तुरंत फायरिंग की और अमन साव को वहीं ढेर कर दिया।
Aman Sahu Encounter
पुलिस की बड़ी सफलता
बता दें कि अमन साव के मारे जाने से झारखंड और छत्तीसगढ़ के व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। पुलिस के मुताबिक, इस एनकाउंटर से अपराधियों के मन में डर पैदा होगा और रंगदारी गैंग की कमर टूटेगी।
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