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Sunday, October 19, 2025

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Academic Session in CG : छत्तीसगढ़ में शिक्षा का नया युग…! अब नर्सरी से PhD तक एक ही आईडी…शैक्षणिक सत्र 2026-27 से APAAR ID अनिवार्य

रायपुर, 19 अक्टूबरा। Academic Session in CG : छत्तीसगढ़ में आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 से छात्रों को अलग-अलग पंजीयन नहीं करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत नर्सरी कक्षा में प्रवेश लेते वक्त छात्रों को एक ऑटोमेटेड परमानेंट अकादमिक अकाउंट रजिस्ट्रेशन (APAAR) नंबर दिया जाएगा। इस नंबर की वैधता तब तक रहेगी जब तक छात्र की पढ़ाई जारी रहेगी, यानी इससे छात्रों के पूरे शैक्षणिक जीवन का रिकॉर्ड एक ही आईडी में दर्ज रहेगा।

क्या है इस नए सिस्टम की खासियत?

अब तक, छात्रों को 9वीं कक्षा में नामांकन के वक्त एक नंबर मिलता था, जो 12वीं तक मान्य रहता था। इसके बाद, कॉलेज में एडमिशन के लिए अलग से पंजीकरण किया जाता था और नए नंबर से उच्च शिक्षा का रिकॉर्ड अपडेट किया जाता था। इससे दो अलग-अलग पंजीकरण नंबर होने के कारण छात्रों के लिए अपने सभी रिकॉर्ड्स को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था।

अब से, छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश के समय ही एक स्थायी APAAR आईडी मिलेगी, जो उनके पूरे शैक्षणिक जीवन का हिस्सा बनेगी, चाहे वह स्कूल, कॉलेज, डिप्लोमा, स्नातक या पीएचडी की पढ़ाई हो। इस सिस्टम से छात्रों का पूरा शैक्षणिक इतिहास ट्रैक किया जा सकेगा, और यह भी पता चल सकेगा कि कौन से छात्र अपनी पढ़ाई छोड़ रहे हैं।

शिक्षा विभाग का उद्देश्य

शिक्षा विभाग का मानना है कि APAAR आईडी और एबीसी (Academic Bank of Credits) की अनिवार्यता से छात्रों का सही पंजीकरण होगा, जिससे यह जानना संभव होगा कि कितने छात्र लगातार पढ़ाई कर रहे हैं और कितने पढ़ाई छोड़ रहे हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में भी मदद मिलेगी।

खाली सीटों का मुद्दा

राज्य में कई विश्वविद्यालयों में लगभग 50 हजार से अधिक सीटें खाली पड़ी हैं, जिनमें प्रमुख विश्वविद्यालय जैसे पं. रविशंकर शुक्ल विवि रायपुर, हेमचंद यादव विवि दुर्ग, अटल बिहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर, आदि शामिल हैं। इसके बावजूद, पिछले शैक्षणिक सत्र में 12वीं कक्षा के करीब 2,40,341 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे।

अगला कदम

नए शिक्षा सत्र से यह नया पंजीकरण सिस्टम लागू किया जाएगा, और 2026-27 के बाद से सभी डिग्री कॉलेजों में APAAR आईडी के बिना प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह व्यवस्था छात्रों के लिए शैक्षणिक रिकॉर्ड की एकता सुनिश्चित करेगी और उन्हें अपने सारे अकादमिक रिकॉर्ड्स को एक जगह ट्रैक करने में मदद करेगी।

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