Abbas Ansari Bail
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विधायक अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने अब्बास अंसारी की जमानत को दे दी है। हालांकि, उन पर कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। कोर्ट ने शुक्रवार को अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद वह फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।
क्योकिं उनपर अन्य मामले भी हैं, जो अभी भी अदालतों में विचाराधीन हैं। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। हालांकि मुख्तार अंसारी की जेल में मौत हो चुकी है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने अब्बास अंसारी को यह राहत दी है।
Abbas Ansari Bail
कोर्ट ने अब्बास अंसारी की याचिका पर 14 अगस्त को ईडी को नोटिस जारी किया था। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 9 मई को अब्बास अंसारी की याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद अंसारी ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में अंसारी पर 4 नवंबर 2022 को मामला दर्ज किया गया था। फिलहाल अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद हैं।
ईडी ने लगाए हैं ये आरोप
दोनों फर्मों पर कथित तौर पर जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराध का सहारा लेकर मऊ और गाजीपुर जिलों में सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। ईडी का कहना है कि फर्मों का इस्तेमाल सार्वजनिक ठेके हासिल करने के लिए किया जाता था। उक्त फर्म गोदाम बनाने के लिए सार्वजनिक बैंकों से ऋण लेती थीं, जिसे बाद में भारतीय खाद्य निगम और उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम को किराए के रूप में दिया जाता था और उनसे प्राप्त किराया कई करोड़ रुपये होता था।
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