Haryana four MLA will support Congress
रोहतक। लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा जहां देश में बढ़कर मतदान को बूस्ट करने में जुटी थी ऐसे में उसे हरियाणा से झटका लगा है। राज्य की मौजूदा सैनी सरकार से चार विधायकों के समर्थन लेने की खबर है। सारा घटनाक्रम मंगलवार को हुआ जब तीन विधायक रोहतक पहुंचे हैं। यहां उन्होंने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। यहां उन्होंने कहा कि सीएम को इस्तीफा दे चाहिए और फिर से चुनाव होने चाहिए।
वहीं एक और निर्दलीय विधायक के बारे में समर्थन वापस लेने की चर्चा थी लेकिन वे पीसी में मौजूद नहीं थे। समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों में पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान शामिल हैं। चौथे विधायक के रूप में बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद के भी कांग्रेस को समर्थन देने की चर्चा है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे। विधायकों ने समर्थन वापस लेते महंगाई बढ़ने और बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है। विधायकों ने समर्थन वापस लेकर नायब सिंह सैनी सरकार को संकट में डाल दिया है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही भाजपा सरकार ने बहुतम साबित किया था। हालांकि समर्थन वापस लेने का कारण ये भी है कि कैबिनेट विस्तार के दौरान सिर्फ रणजीत चौटाला को जगह मिली थी। इसके अलावा किसी निर्दलीय विधायक को मौका नहीं दिया गया था। इसी बाद से चारों विधायक नाराज थे।
समझिए बहुमत का गणित
विधायकों के समर्थन वापस लेने पर अब 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में में भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई है। यहां अभी 88 विधायक हैं। इनमें से भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन बचा है। वहीं विपक्ष में 45 विधायक हो गए हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है जो कि फिलहाल किसी के पास नहीं है।
सही फैसला लिया : हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीनों विधायकों का स्वागत किया और कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि मौजूदा सरकार से लोगों का मोह भंग हो गया है और जनभावना को देखते हुए ही इन्होंने फैसला लिया है।