Patanjali misleading ad case
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पतंजलि के विवादित विज्ञापन केस में बाबा रामदेव और बालकृष्ण के दूसरे माफीनामे को भी खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बाबा रामदेव से कहा कि वह ‘अदालत की अवमानना की कार्यवाही को हल्के में ले रहे हैं।’सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम आपके हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार करते हैं।
हम मानते हैं कि आपने जो किया है वह जानबूझकर किया है और साथ ही हमारे आदेशों का बार-बार उल्लंघन किया है।” जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने पतंजलि से कहा कि आपने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। अब कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
Patanjali misleading ad case
इससे पहले 2 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान पंतजलि की तरफ से माफीनामा दिया गया था। उस दिन भी कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 10 अप्रैल को रखी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अंतिम अवसर देते हुए एक सप्ताह के भीतर नया हलफनामा दाखिल करने को कहा था। अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को झूठी गवाही के आरोप की भी चेतावनी दी।
IMA ने लगाए थे पतंजलि पर आरोप
IMA ने पतंजलि आयुर्वेद पर 2022 में आरोप लगाते हुए कहा था कि रामदेव की कंपनी एलोपैथी (Allopathy) मेडिकल प्रैक्टिस के खिलाफ गलत सूचना फ़ैलाने का काम कर रही है। IMA की तरफ से वकालत कर रहे सीनियर एडवोकेट पीएस पटवालिया ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद ने योग की मदद से मधुमेह (diabetes) और अस्थमा को ‘पूरी तरह से ठीक’ करने का दावा किया था।