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रायपुर। छत्तीसगढ़ के 16,608 गांवों को ODF प्लस घोषित किया गया है और उनका वेरिफिकेशन भी पूरा हो चुका है।प्रदेश में स्वच्छता को लेकर लोगों में तेजी से जागरूकता बढ़ रही है।जनवरी 2024 में, छत्तीसगढ़ को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ राज्य होने का पुरस्कार मिला था।पिछले दो वर्षों में, 16,608 गांवों ने खुद को ODF प्लस घोषित किया है।इनमें से 4,752 गांवों को तीसरे पक्ष द्वारा वेरिफाई किया गया है।4,752 में से 2,757 गांव ODF प्लस मॉडल गांव हैं।सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 705 गांवों में से 37 ने खुद को ODF प्लस मॉडल घोषित किया है और उनका वेरिफिकेशन भी हो चुका है।
इन गांवों को मिलता है ओडीएफ का दर्जा
विशेषज्ञों का कहना है कि ओडीएफ प्लस मॉडल गांव वैसे गांव होते हैं, जिन्होंने ओडीएफ की अपनी स्थिति को बनाए रखा है और इनमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था रहती है। ओडीएफ प्लस यानी ऐसा गांव जहां खुले में शौच पर पूर्ण पाबंदी हो और ग्राम पंचायत में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय हो। इसके साथ ही गांव के सभी घरों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर और आंगनबाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा हो। वहीं, सभी सार्वजनिक स्थानों और कम से कम 80 फीसदी घरों में अपने ठोस और तरल कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन हो।
क्या है ओडीएफ ?
ओडीएफ का पूरा नाम ‘ओपन डिफ़ेकेशन फ़्री’ है. यह एक स्वच्छता अभियान है जिसे भारत सरकार ने शुरू किया था. इसका मकसद भारत के सभी ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच की प्रथा को खत्म करना थाओडीएफ़ प्लस गांव वे गांव होते हैं जिन्होंने खुले में शौच की समस्या को खत्म किया है और साथ ही ठोस या तरल कचरे के प्रबंधन के लिए भी व्यवस्था की है. ओडीएफ़ प्लस गांवों में खुले में शौच पर पाबंदी होती है और ग्राम पंचायत में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय होता है. इसके साथ ही, गांव के सभी घरों और प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर, और आंगनवाड़ी केंद्र में भी शौचालय की सुविधा होती है।
भारत के 75 प्रतिशत गांव ओडीएफ़ प्लस घोषित हो चुके हैं. इनमें सबसे ज़्यादा गांव तेलंगाना और तमिलनाडु में हैं. सिक्किम को भारत का पहला ‘खुले में शौच मुक्त राज्य’ घोषित किया गया है।
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पांच नगरीय निकायों को मिला पुरस्कार
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में छत्तीसगढ़ को महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बाद देश के तीसरे सबसे साफ-सुथरे राज्य का दर्जा मिला था। प्रदेश की इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह में पुरस्कृत किया था।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने यह पुरस्कार ग्रहण किया था।
स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के पांच नगरीय निकायों रायपुर, महासमुंद, कुम्हारी, आरंग और पाटन को समारोह में पुरस्कृत किया गया था। केंद्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से हर साल देश के सभी शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है। इसमें विभिन्न मापदंडों के अंतर्गत शहरी स्वच्छता का आकलन किया जाता है। राज्यों एवं शहरों की रैंकिंग जारी कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों तथा शहरों को पुरस्कृत किया जाता है।
वर्ष-2023 में देश के 446 शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर पालिक निगम कोरबा ने राज्य में दूसरा और देश में 26वां स्थान हासिल किया था। यह पहली बार था जब राज्य के स्वच्छता सर्वेक्षण में अंबिकापुर शहर को पीछे करते हुए कोरबा ने यह उपलब्धि हासिल की